Maharashtra में हुए विधानसभा चुनाव में महायुति को बड़ी सफलता मिली है। इस चुनाव में महायुति के 232 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। विजयी उम्मीदवारों में से छह विधान परिषद विधायक हैं, इसलिए उन्हें अब केवल एक सदन की सदस्यता मिलेगी। इस हिसाब से छह सीटें खाली होंगी। इसके लिए दिसंबर माह में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में इंतजार कर रहे कई लोगों की उम्मीदें टूट सकती है।
राज्य विधानसभा चुनाव में महायुति के 232 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है, जिसमें कुछ ऐसे विधायक भी हैं, जो हाल ही में विधान परिषद में शामिल हुए हैं। इसमें अक्कलकुआ निर्वाचन क्षेत्र से आमश्या पडवी, लातूर ग्रामीण सीट से बीजेपी के रमेश कराड, नागपुर सेंट्रल सीट से प्रवीण दटके, जाट से गोपीचंद पडलकर, कामठी से चंद्रशेखर बावनकुले, पाथरी सीट से अजीत पवार ग्रुप के राजेश विटेकर ने जीत हासिल की है। इसमें बीजेपी के पास चार विधायक हैं, जबकि शिवसेना शिंदे गुट और राष्ट्रवादी अजीत पवार गुट के पास एक-एक विधायक है।
इनकी जीत से सीट हुईं रिक्त
राष्ट्रवादी अजीत पवार समूह के आमश्या पाडवी, रमेश कराड, प्रवीण दटके, गोपीचंद पडलकर, चंद्रशेखर बावनकुले और राजेश विटेकर पहले विधान परिषद में विधायक हैं। अब उन्होंने विधानसभा चुनाव जीत लिया है। इसलिए इन छह विधायकों को एक सदन की सदस्यता छोड़नी होगी।
क्या कहता है नियम?
दो सदनों की समवर्ती सदस्यता निवारण अधिनियम, 1957 के अनुच्छेद 3 के अनुसार इन नवनिर्वाचित छह सदस्यों को विधान परिषद से इस्तीफा देने की आवश्यकता नहीं है; क्योंकि जैसे ही उनका नाम विधान सभा सदस्य के रूप में राजपत्र में प्रकाशित होता है, उनकी विधान परिषद की पिछली सदस्यता स्वतः ही रद्द हो जाती है।