तमाम अखबारों और मीडिया में यह खबर फैल गई कि 1 दिसंबर से किसी भी वित्तीय (Financial) या संस्थागत काम के लिए जरूरी ओटीपी (OTP) आने में देरी होगी। वर्तमान में आपके द्वारा ऑनलाइन (Online) किए जाने वाले कई लेनदेन के लिए ओटीपी मांगा जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि लेनदेन करने वाले व्यक्ति आप ही हैं। यानी ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping), ऑनलाइन बैंकिंग (Online Banking) करते समय आपसे हमेशा ओटीपी मांगा जाता है। यह ओटीपी आपके खाते से जुड़े मोबाइल फोन पर भेजा जाता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि लेन-देन करने वाले व्यक्ति आप ही हैं। ओटीपी को प्रमाणीकरण की एक सुरक्षित विधि के रूप में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
लेकिन अब ट्राई ने बढ़ती स्पैम कॉल और साइबर अपराधों के लिए फोन के इस्तेमाल पर नकेल कसने का फैसला किया है। इसलिए, यह रुख अपनाया गया है कि कोई भी कॉल, यहां तक कि ओटीपी भी यह सत्यापित किए बिना अग्रेषित नहीं किया जाएगा कि ये ओटीपी किस नंबर से आ रहे हैं। ट्राई की योजना है कि बिना यह जाने कि यह कहां से आया है, किसी कॉल या मैसेज को फॉरवर्ड न किया जाए। लेकिन, अब समझ आ रहा है कि ये गलतफहमी फैल गई है।
No delay in OTP delivery – TRAI pic.twitter.com/c6Yu89xi6k
— DoT India (@DoT_India) November 29, 2024
यह भी पढ़ें – Maharashtra accident: गोंदिया में पलटी शिवशाही बस; 8 लोगों की मौत, संख्या बढ़ने की आशंका
ट्राई ने खुद इस खबर का खंडन किया है कि ओटीपी में देरी होगी। ट्राई का मतलब टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी फोन कॉल्स को नियंत्रित करने वाली सरकारी संस्था है।
साइबर अपराधियों और स्पैम से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए ट्राई ने एक नया नियम बनाया है। तदनुसार, ट्राई ने मोबाइल कंपनियों से इन पहचान उपायों को लागू करने के लिए कहा है ताकि ट्राई प्रत्येक संदेश, कॉल के स्रोत को समझ सके। शुरुआत में मोबाइल कंपनियों को 31 अक्टूबर तक की डेडलाइन दी गई थी। लेकिन, कंपनियों ने नवंबर तक की मोहलत मांगी। अब जब मोबाइल कंपनियों ने यह सिस्टम लागू कर दिया है तो ऑनलाइन ट्रांजैक्शन सिस्टम अगर मोबाइल कंपनियों को अपनी पहचान साबित कर देता है तो ओटीपी में कोई देरी नहीं होगी, ऐसा ट्राई ने साफ किया है।
इसलिए ट्राई का कहना है कि दिसंबर से ओटीपी में देरी नहीं होगी।
देखें यह वीडियो –
Join Our WhatsApp Community