महाराष्ट्र (Maharashtra) का मुख्यमंत्री (Chief Minister) कौन होगा? ये अब लगभग तय है। अब नई सरकार में मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) का फॉर्मूला है। अगर मुख्यमंत्री भाजपा (BJP) का होगा तो उपमुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर भी चर्चा चल रही है। इसमें कोई शक नहीं कि अजित पवार (Ajit Pawar) उपमुख्यमंत्री होंगे। लेकिन मुख्यमंत्री रह चुके एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) उपमुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं यह फिलहाल राजनीतिक गलियारे (Political Corridor) में चर्चा का विषय है।
सूत्रों के अनुसार, कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार करने के पक्ष में नहीं हैं। फिर शिंदे किसके कंधों पर जिम्मेदारी देंगे, इस पर चर्चा चल रही है। अब उपमुख्यमंत्री पद की दौड़ में पांच शिवसेना (शिंदे गुट) नेताओं के नाम शामिल हैं।
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विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद एकतरफा जीत हासिल करने वाले महायुति ने राज्य में सत्ता स्थापित करने के लिए कदमताल शुरू कर दी है। इसके लिए दिल्ली में भाजपा पार्टी के नेताओं के साथ बैठकें भी शुरू हो गई हैं। इसी के तहत गुरुवार रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में राज्य के तीनों नेताओं की बैठक हुई। इस बार मुख्यमंत्री भाजपा का होगा और राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भाजपा ने उपमुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया है।
क्या श्रीकांत शिंदे को सौंपेंगे जिम्मेदारी?
बताया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे ने उपमुख्यमंत्री का पद किसी अन्य शिवसेना नेता को देने का प्रस्ताव रखा है। तो अगर शिंदे खुद उपमुख्यमंत्री नहीं बनेंगे तो यह पद किसे दिया जाएगा? ऐसा सवाल अब उठ रहा है। इसके लिए पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के नाम भी सामने आये हैं। अगर शिंदे खुद उपमुख्यमंत्री नहीं बनते हैं तो क्या वह यह पद अपने बेटे सांसद श्रीकांत शिंदे को सौंप सकते हैं? संभव है कि? सूत्र बता रहे हैं कि इस तरह की चर्चा अलग-अलग स्तर पर चल रही है।
दीपक केसरकर और भरत गोगावले ने अहम भूमिका निभाई
वहीं उपमुख्यमंत्री पद की दौड़ में एकनाथ शिंदे के करीबी नेताओं के नाम भी आगे आते दिख रहे हैं। शिवसेना में बगावत के दौरान एकनाथ शिंदे की ओर से दीपक केसरकर और भरत गोगवले ने अहम भूमिका निभाई थी। कहा जा रहा है कि अगर शिंदे खुद उपमुख्यमंत्री नहीं बने तो वे इनमें से किसी पर भरोसा जता सकते हैं। इस बीच जलगांव ग्रामीण से विधायक गुलाबराव पाटिल का नाम भी इस रेस में है। पाटिल के निर्वाचन क्षेत्र में ‘संभावित उपमुख्यमंत्री’ लिखा हुआ एक पोस्टर भी लगाया गया है। वहीं, राजनीतिक गलियारों में उदय सामंत और दादा भुसे के नाम की भी चर्चा हो रही है।
उपमुख्यमंत्री पद की दौड़ में शिवसैनिक
दादा भुसे और उदय सामंत शिंदे के काफी करीबी माने जाते हैं। सत्ता गठन के सभी अहम फैसलों में वह शिंदे के साथ हैं। इस बार दादा भुसे लगातार पांचवीं बार विधायक बने हैं। इसलिए संभावना है कि इस बार उनके रूप में उत्तर महाराष्ट्र को उपमुख्यमंत्री का पद मिलेगा। वहीं, इस बारे में उदय सामंत ने कहा, हमने एकनाथ शिंदे को अपने सभी राजनीतिक फैसले लेने का अधिकार दिया है। कहा कि वे हमारे लिए जो भी फैसला करेंगे, हमें मंजूर होगा।
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