EVM Allegations: ईवीएम विवाद पर बीजेपी ने कांग्रेस को दी यह चुनौती, ‘राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा को इस्तीफा…’

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने शनिवार को पीटीआई-भाषा से कहा, "ऐसा रुख उनके द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों पर उनके विश्वास को रेखांकित करेगा।"

76

EVM Allegations: भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) (भाजपा) ने ईवीएम की विश्वसनीयता (Credibility of EVM) पर सवाल उठाने के लिए कांग्रेस पर कटाक्ष (Sarcasm on Congress) करते हुए कहा कि सभी मुख्यमंत्रियों (Chief Ministers) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जैसे कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के अन्य निर्वाचित प्रतिनिधियों को सबसे पहले इस्तीफा दे देना चाहिए और घोषणा करनी चाहिए कि वे मतपत्र वापस आने के बाद ही चुनाव लड़ेंगे।

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने शनिवार को पीटीआई-भाषा से कहा, “ऐसा रुख उनके द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों पर उनके विश्वास को रेखांकित करेगा।”

यह भी पढ़ें- CM Yogi Janta Darbar: गोरखपुर में सीएम योगी का जनता दरबार, सुनीं 300 लोगों की समस्याएं

चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता
भाटिया के अनुसार, अन्यथा पार्टी के आरोप “खाली शब्दों के अलावा कुछ नहीं होंगे।” उन्होंने कांग्रेस से इस मुद्दे पर अदालत जाने को भी कहा, साथ ही इस बात पर जोर दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल के वर्षों में कई बार चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और चुनावी वोटिंग मशीनों की अखंडता पर चुनाव आयोग को क्लीन चिट दे दी है। भाटिया ने कहा, “कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि वे उसी चुनावी प्रक्रिया के माध्यम से चुने गए हैं जिस पर विपक्षी पार्टी सवाल उठा रही है।” भाटिया के अनुसार, यह “विडंबनापूर्ण” है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उसी दिन चुनावी प्रक्रिया और ईवीएम पर सवाल उठाए जिस दिन प्रियंका गांधी वाड्रा ने केरल के वायनाड से नवनिर्वाचित सांसद के रूप में शपथ ली। भाटिया ने कहा, “कांग्रेस जल्द ही इतिहास की किताबों तक सीमित हो जाएगी।”

यह भी पढ़ें- Telangana Encounter: तेलंगाना में पुलिस को मिली बड़ी सफलता, मुठभेड़ में 7 नक्सली ढेर

भाजपा की भारी जीत और ईवीएम की चिंताएं
भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने हाल ही में संपन्न महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में 288 सदस्यीय सदन में 233 सीटें जीतकर भारी बहुमत हासिल किया। भाजपा ने अपने दम पर 132 सीटें जीतीं, जबकि उसके सहयोगी शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) ने क्रमशः 57 और 41 सीटें जीतीं। कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अन्य शिकायतों के अलावा मतों की संख्या और डाले गए मतों की संख्या में असमानता का आरोप लगाया। शीर्ष चुनाव आयोग ने दावों को खारिज कर दिया और 3 दिसंबर को दावों पर चर्चा करने के लिए पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया।

यह वीडियो भी देखें-

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.