Parliament Winter Session: विदेश मंत्री (Foreign Minister) एस जयशंकर (S Jaishankar) ने 03 दिसंबर (मंगलवार) को लोकसभा (Lok Sabha) को बताया कि भारत-चीन संबंध (India-China relations) – अप्रैल 2020 से “असामान्य” हैं, जब दोनों सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख के कुछ हिस्सों में झड़प (Clash in eastern Ladakh) हुई थी।
जिसके कारण 45 वर्षों में पहली बार दोनों पक्षों में मौतें हुई थीं, हाल ही में इसमें सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि “तब से लगातार कूटनीतिक जुड़ाव ने हमारे संबंधों को कुछ सुधार की दिशा में आगे बढ़ाया है”।
Recent developments that reflect our continuous diplomatic engagements since then have sent our ties in the direction of some improvement: EAM @DrSJaishankar‘s statement in #LokSabha #WinterSession2024 pic.twitter.com/m3W4dXygkO
— SansadTV (@sansad_tv) December 3, 2024
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बातचीत के लिए प्रतिबद्ध
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत चीन के साथ “सीमा मुद्दे के लिए एक निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने के लिए द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से” बातचीत करने के लिए प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्री ने अपनी टिप्पणी शुरू की, “सदस्यों को अप्रैल-मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में LAC (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर चीन द्वारा बड़ी संख्या में सैनिकों को इकट्ठा करने की घटना याद होगी, जिसके परिणामस्वरूप कई बिंदुओं पर हमारी सेनाओं के साथ आमना-सामना हुआ। इस स्थिति के कारण गश्ती गतिविधियों में भी बाधा उत्पन्न हुई।”
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सशस्त्र बलों के लिए श्रेय
उन्होंने कहा, “यह हमारे सशस्त्र बलों के लिए श्रेय की बात है कि रसद संबंधी चुनौतियों और तत्कालीन कोविड स्थिति के बावजूद, वे तेजी से और प्रभावी ढंग से जवाबी तैनाती करने में सक्षम थे। सदन इस तथ्य को जानता है कि 1962 में विवाद के कारण चीन हमारे 38000 वर्ग किमी क्षेत्र पर अक्साई चीन में अवैध कब्जा जमाए है। पाकिस्तान ने 1963 में हमारे उस 5180 वर्ग किमी क्षेत्र को अवैध रूप से चीन के हवाले कर दिया जो 1948 से पाक के पास था ।”
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