महाराष्ट्र में अनुमानित 210 एसटी कर्मचारियों की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हुई है, साथ ही 9,000 कर्मचारी संक्रमित हुए हैं। मुंबई और पुणे जैसे शहरों में स्थानीय निकायों के कर्मचारियों को कोरोना के फ्रंट लाइन वर्कर्स मानकर टीका लगाया गया, लेकिन एसटी कर्मचारियों को टीका नहीं लगाया गया। परिणमस्वरुप हजारों एसटी कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो गए। अब जाकर परिवहन मंत्री अनिल परब की नींद टूटी है और उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से एसटी कार्यकर्ताओं के टीकाकरण में प्राथमिकता देने का अनुरोध किया है।
210 एसटी कर्मियों की मौत
बता दें कि लॉकडाउन के बावजूद लाल परी (एसटी की बसें) दौड़ रही थी। ऐसे में कई कर्मचारियों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी। इसके बावजूद, उन्हें न कोरोना योद्धा माना गया और न उनके लिए टीकाकरण की ही व्यवस्था की गई। अब जब इतना वक्त गुजर गया है और 210 एसटी कर्मचारी अपनी जान गंवा चुके हैं तो राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब की नींद टूटी है और उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर टीका लगवाने का अनुरोध किया है।
पत्र में क्या है?
– एसटी बसों के कर्मचारियों को कोरोना योद्धा माना जाए।
– एसटी में कार्यरत कर्मचारियों की कुल संख्या 98,000 है।
– इन्हें प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण का लाभ मिलना चाहिए।
– इनकी सुरक्षा के साथ ही यात्रियों के जीवन की सुरक्षा के लिए भी यह जरुरी है।
– हजारों यात्रियों के संपर्क में आने से कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक रहता है।