Bangladesh: समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश (Bangladesh) ने 11 दिसंबर (मंगलवार) को पूर्व प्रधानमंत्री (former Prime Minister) शेख हसीना (Sheikh Hasina) को अगस्त में पद से हटाए जाने के बाद अल्पसंख्यकों (minorities), मुख्य रूप से हिंदुओं (Hindus) को निशाना बनाकर सांप्रदायिक हिंसा (communal violence) की 88 घटनाओं की पुष्टि (88 incidents confirmed) की है।
अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने भी कहा कि सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के सिलसिले में 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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अल्पसंख्यकों पर हमलों पर चिंता
यह खुलासा विदेश सचिव विक्रम मिस्री द्वारा अल्पसंख्यकों पर हमलों पर चिंता जताए जाने और बांग्लादेशी नेतृत्व के साथ बैठकों के दौरान उनकी सुरक्षा और कल्याण के बारे में भारत की चिंताओं से अवगत कराए जाने के एक दिन बाद हुआ है। आलम ने संवाददाताओं को बताया कि 5 अगस्त से 22 अक्टूबर के बीच अल्पसंख्यकों से जुड़ी घटनाओं में कुल 88 मामले दर्ज किए गए हैं।
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हिंसा की नई घटनाएं
पीटीआई ने आलम के हवाले से कहा, “मामलों और गिरफ्तारियों की संख्या बढ़ने की संभावना है क्योंकि (पूर्वोत्तर सुनामगंज, (मध्य) गाजीपुर और अन्य क्षेत्रों में भी हिंसा की नई घटनाएं सामने आई हैं।” उन्होंने उल्लेख किया कि कुछ पीड़ित पिछली सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्य हो सकते हैं। सरकार ने कहा है कि कुछ घटनाओं को छोड़कर, हिंदुओं को उनकी आस्था के कारण निशाना नहीं बनाया गया।
अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा
आलमद ने कहा, “कुछ हमलों में ऐसे लोगों को निशाना बनाया गया जो सत्ताधारी पार्टी के पूर्व सदस्य थे या फिर वे व्यक्तिगत विवादों का नतीजा थे। फिर भी, जब से हिंसा हुई है, पुलिस उचित कार्रवाई कर रही है।” उन्होंने कहा कि 22 अक्टूबर के बाद हुई घटनाओं के बारे में जल्द ही जानकारी साझा की जाएगी। पिछले कुछ हफ्तों में बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं के साथ-साथ मंदिरों पर हमलों की घटनाएं हुई हैं, जिससे नई दिल्ली में गहरी चिंता पैदा हो गई है।
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चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी
बांग्लादेश के हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने और भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर द्विपक्षीय संबंधों में अभूतपूर्व तनाव के बीच मिसरी अपने समकक्ष मोहम्मद जशीम उद्दीन के साथ वार्षिक विदेश कार्यालय परामर्श के लिए सोमवार को ढाका पहुंचे। अगस्त में सरकार बदलने के बाद ढाका की यात्रा करने वाले पहले वरिष्ठ भारतीय पदाधिकारी मिसरी ने विदेश मंत्री तौहीद हुसैन और कार्यवाहक प्रशासन प्रमुख मोहम्मद यूनुस से भी मुलाकात की।
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