Maharashtra: संत अनिकेत शास्त्री को राज्यपाल नियुक्त विधायक बनाने की मांग, राज्यपाल को पत्र

पत्र में उल्लेख किया गया है कि संत श्री अनिकेतजी ने न केवल अपने क्षेत्र, बल्कि राज्य और देश के विकास में भी अभूतपूर्व भूमिका निभाई है।

162

Maharashtra: वेदाचार्य पंडित (Vedacharya Pandit) गंगाधर पाठक (Gangadhar Pathak) ‘आचार्य’ ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के महामहिम राज्यपाल (Governor) को एक विशेष पत्र लिखकर नासिक (Nashik) के संत अनिकेतजी शास्त्री (Saint Aniketji Shastri) को राज्यपाल-अध्यक्ष विधायक (Governor-Chairman MLA) का संवैधानिक अधिकार (Constitutional Rights) प्रदान करने की अपील की है। इस पत्र में पंडित पाठक ने अनिकेतजी के समाज, राजनीति और संस्कृति में उनके व्यापक योगदान पर जोर दिया है।

पत्र में उल्लेख किया गया है कि संत श्री अनिकेतजी ने न केवल अपने क्षेत्र, बल्कि राज्य और देश के विकास में भी अभूतपूर्व भूमिका निभाई है। वह विभिन्न राजनीतिक कठिनाइयों का सामना करते हुए जनता की समस्याओं के समाधान में सदैव सक्रिय रहे हैं। उनका समाज के हर वर्ग में व्यापक प्रभाव और अपनापन है, और उन्होंने सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक गतिविधियों में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

यह भी पढ़ें- Parliament: हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित

भारतीय संस्कृति और संत परंपरा
पंडित पाठक ने लिखा कि महाराष्ट्र राज्य ने भारतीय संस्कृति और संत परंपरा को समृद्ध करने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। उन्होंने श्री अनिकेतजी जैसे संत-विद्वान को संवैधानिक अधिकार देने की मांग की, जिससे नासिक और आसपास के क्षेत्र में विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम से संत समाज के कल्याण के साथ-साथ राज्य की सांस्कृतिक विरासत को भी बल मिलेगा।

यह भी पढ़ें- Allu Arjun: सुपरस्टार अल्लू अर्जुन पुलिस हिरासत में, पुष्पा 2 फिल्म बनी जेल जाने की वजह?

अध्यात्मिक मार्गदर्शन
पत्र में विशेष रूप से यह उल्लेख किया गया है कि श्रीअनिकेतजी शास्त्री की अगुवाई में नासिक क्षेत्र की जनता को न केवल अध्यात्मिक मार्गदर्शन मिला, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक सुधारों की प्रेरणा भी मिली है। उनकी यह पहचान उन्हें इस संवैधानिक पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बनाती है। अंत में, पंडित गंगाधर पाठक ने इस मांग को जनता की भावनाओं का प्रतिनिधित्व बताते हुए महामहिम से इसे स्वीकार करने की अपील की। यह पत्र 16 अक्टूबर 2024 को श्रीवृंदावनधाम, मथुरा से भेजा गया।

यह वीडियो भी देखें-

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.