Rahul Gandhi: लखनऊ (Lucknow) के एसीजेएम कोर्ट (ACJM Court) संख्या-27 ने लोकसभा में विपक्ष के नेता (Leader of Opposition in Lok Sabha) और कांग्रेस सांसद (Congress MP) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता के धारा 153(ए) और 505 के तहत प्रथम दृष्टया आरोप तय किए हैं। अदालत ने 10 जनवरी 2025 को पेशी के लिए उन्हें तलब किया है।
यह मामला परिवादी नृपेन्द्र पांडे द्वारा दाखिल मामले से जुड़ा है, जिसमें राहुल गांधी पर समाज में वैमनस्य और द्वेष फैलाने का आरोप लगाया गया है। परिवादी ने आरोप लगाया है कि 17 दिसंबर 2022 को महाराष्ट्र के अकोला में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया।
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स्वातंत्र्यवीर सावरकर के खिलाफ अपमानजनक बातें
आरोप है कि इस बयान के जरिए स्वातंत्र्यवीर सावरकर की छवि को धूमिल करने और समाज में वैमनस्य फैलाने का प्रयास किया गया। इसके साथ ही प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व-प्रकाशित पत्र पत्रकारों के बीच वितरित किए गए, जिनमें भी स्वातंत्र्यवीर सावरकर के खिलाफ अपमानजनक बातें लिखी गई थीं। प्रारंभिक सुनवाई में मजिस्ट्रेट न्यायालय ने इस मामले को “ऐतिहासिक मतभेद” बताते हुए खारिज कर दिया था। लेकिन परिवादी द्वारा निगरानी याचिका दाखिल करने पर निगरानी न्यायालय ने यह फैसला पलट दिया। निगरानी न्यायालय ने माना कि मजिस्ट्रेट ने उपलब्ध साक्ष्यों और बयानों पर विचार नहीं किया, जोकि आवश्यक था।
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समाज में घृणा और वैमनस्य फैलाने का उद्देश्य
अदालत ने पत्रावली के समग्र अवलोकन के बाद पाया कि राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान और वितरित किए गए पत्र समाज में घृणा और वैमनस्य फैलाने के उद्देश्य से किए गए थे। अदालत ने यह भी कहा कि बयान और पत्र का टीवी और अन्य माध्यमों से प्रसारण होने के कारण यह अपराध न्यायालय के क्षेत्राधिकार में आता है। आदेश के अनुसार, अदालत ने राहुल गांधी को धारा 153(ए) और 505 के तहत अभियुक्त के रूप में तलब किया है। अब यह मामला 10 जनवरी 2025 को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
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सम्मन जारी
न्यायालय ने राहुल गांधी को सम्मन भेजने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई में उन्हें कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है।
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क्या है मामला ?
महाराष्ट्र के अकोला में 2022 में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान स्वातंत्र्यवीर सावरकर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ लखनऊ की एक अदालत में शिकायत दर्ज की गई है। दिसंबर 2022 को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ए के श्रीवास्तव ने एक आदेश जारी कर शिकायतकर्ता नृपेंद्र पांडे को सीआरपीसी की धारा 200 के तहत सबूत पेश करने का निर्देश दिया। सीआरपीसी की धारा 202 के तहत खुद और अपने गवाहों की जांच करने के बाद, अदालत तय करेगी कि अपराधों का संज्ञान लिया जाए या नहीं और कांग्रेस नेता को तलब किया जाए या नहीं।
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