Parliament Winter Session: प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 14 दिसंबर (शनिवार) को भारतीय संविधान (Indian Constitution) की 75वीं वर्षगांठ (75th Anniversary) के अवसर पर लोकसभा (Lok Sabha) में एक महत्वपूर्ण भाषण दिया।
प्रधानमंत्री ने भारत की लोकतांत्रिक यात्रा (Democratic Journey) को आकार देने में संविधान के गहन महत्व पर प्रकाश डाला, इसकी असाधारण भूमिका और दुनिया भर के सभी लोकतंत्र-प्रेमी लोगों के लिए इसकी प्रासंगिकता पर जोर दिया।
#WATCH | संविधान पर बहस | लोकसभा में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान 2047 तक भारत के पथ पर देश के लिए 11 संकल्प प्रस्तुत किए। pic.twitter.com/5hXBFkNDQH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 14, 2024
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देश के लिए 11 संकल्प प्रस्तुत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान 2047 तक भारत के पथ पर देश के लिए 11 संकल्प प्रस्तुत किए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत के भविष्य के लिए संविधान के स्पिरिट से प्रेरित होकर के, मैं आज इस सदन के पवित्र मंच से ग्यारह संकल्प सदन के सामने रखना चाहता हूं… “
- पहला संकल्प है, चाहे नागरिक हो या सरकार हो, सभी अपने कर्तव्यों का पालन करें।
- दूसरा संकल्प है, हर क्षेत्र, हर समाज को विकास का लाभ मिले, सबका साथ सबका विकास हो।
- तीसरा संकल्प है, भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस हो। भ्रष्टाचारी की, भ्रष्टाचारी की सामाजिक स्वीकार्यता ना हो। भ्रष्टाचारी की सामाजिक स्वीकार्यता ना हो।
- चौथा संकल्प है, देश के कानून, देश के नियम, देश की परंपराओं के पालन में, देश के नागरिकों को गर्व होना चाहिए। गर्व का भाव हो।
- पांचवा संकल्प गुलामी की मानसिकता से मुक्ति हो, देश की विरासत पर गर्व हो।
- छठा संकल्प देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्ति मिले।
- सातवां संकल्प, सातवां संकल्प, संविधान का सम्मान हो। राजनीति स्वार्थ के लिए संविधान को हथियार ना बनाया जाए।
- आठवां संकल्प संविधान की भावना के प्रति समर्पण रखते हुए जिनको आरक्षण मिल रहा है, वो ना छीना जाए और धर्म के आधार पर आरक्षण की हर कोशिश पर रोक लगे.
- नवां संकल्प, महिला नेतृत्व विकास (women led development) में भारत दुनिया के लिए मिसाल बनें।
- दसवां संकल्प राज्य के विकास से राष्ट्र का विकास, ये हमारा विकास का मंत्र हो।
- ग्यारहवां संकल्प, एक भारत श्रेष्ठ भारत का देश सर्वोपरि हो।
आदरणीय सभापति जी इसी संकल्प के साथ हम सब मिलकर के अगर हम आगे बढ़ते हैं, तो संविधान की जो निहित भावना है, हम भारत के लोग (we the people) सबका प्रयास हम इसी मंत्र को लेकर के आगे चलें और विकसित भाड़ का सपना कि सदन में बैठे हुए सबका तो होना हीं चाहिए। एक सौ चालीस करोड़ देश वर्षो का सपना जब वन जाता है और संकल्प लेकर के लिए देशकल पड़ता है तो इच्छित परिणाम लेकर के रहता है। मेरा एक सौ चालीस करोड़ देशवासियों के प्रति मेरी अपार श्रद्धा रही है। पूरे सामर्थ्य पर मेरी श्रद्धा है, देश की युवा शक्ति पर मेरी श्रद्धा है, देश की नारी शक्ति पर मेरी श्रद्धा है और इसलिए मैं कहता हूं कि देश 2047 देश जमानती के सौ साल बनाएगा, तब विकसित भारत के रूप में बनाएगा।
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लोकतंत्र-प्रेमी लोग
प्रधानमंत्री मोदी ने 75वीं वर्षगांठ को न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए अत्यंत गौरव का क्षण बताते हुए कहा कि यह हम सभी के लिए, सभी नागरिकों के लिए और दुनिया भर के सभी लोकतंत्र-प्रेमी लोगों के लिए बहुत गर्व का क्षण है। उन्होंने आगे जोर दिया कि यह वर्षगांठ जश्न मनाने लायक घटना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “संविधान के 75 साल यादगार रहे हैं। संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ जश्न मनाने लायक घटना है। मुझे बेहद खुशी है कि संसद इस महत्वपूर्ण अवसर में भाग ले रही है।”
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