प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए 11 संकल्प पेश किए। उन्होंने संविधान की भावना से प्रेरित होकर 2047 तक भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का आह्वान किया।

देश के लिए 11 संकल्प प्रस्तुत

पहला संकल्प     चाहे नागरिक हो या सरकार हो, सभी अपने कर्तव्यों का पालन करें।

दूसरा संकल्प   हर क्षेत्र, हर समाज को विकास का लाभ मिले, सबका साथ सबका विकास हो।

तीसरा संकल्प     भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस हो। भ्रष्टाचारी की, भ्रष्टाचारी की सामाजिक स्वीकार्यता ना हो। भ्रष्टाचारी की सामाजिक स्वीकार्यता ना हो।

चौथा संकल्प   देश के कानून, देश के नियम, देश की परंपराओं के पालन में, देश के नागरिकों को गर्व होना चाहिए। गर्व का भाव हो।

पांचवा संकल्प  गुलामी की मानसिकता से मुक्ति हो, देश की विरासत पर गर्व हो।

छठा संकल्प  देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्ति मिले।

सातवां संकल्प संविधान का सम्मान हो। राजनीति स्वार्थ के लिए संविधान को हथियार ना बनाया जाए।

आठवां संकल्प  संविधान की भावना के प्रति समर्पण रखते हुए जिनको आरक्षण मिल रहा है, वो ना छीना जाए और धर्म के आधार पर आरक्षण की हर कोशिश पर रोक लगे।

नवां संकल्प महिला नेतृत्व विकास (women led development) में भारत दुनिया के लिए मिसाल बनें।

दसवां संकल्प  राज्य के विकास से राष्ट्र का विकास, ये हमारा विकास का मंत्र हो।

ग्यारहवां संकल्प  एक भारत श्रेष्ठ भारत का देश सर्वोपरि हो।