Indi Alliance: नेतृत्व पर तकरार, इंडी में दरार!

हाल ही में ममता बनर्जी ने कहा था कि मौजूदा लोग इंडी गठबंधन को ठीक से नहीं चला पा रहे हैं। वह बंगाल से गठबंधन का नेतृत्व कर सकती हैं।

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-अमन दुबे

Indi Alliance: क्या विपक्षी दलों का गठबंधन (opposition parties) एनडीए (NDA) के सामने टिक नहीं पा रहा है? अब खुद ‘इंडी गठबंधन’ के नेताओं में ही खुलकर विरोध (open protest) होने लगा है। राजनीतिक गलियारों में सवाल उठ रहे हैं कि जैसे राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के साथ डूब रहे हैं, वैसे ही उनके नेतृत्व में इंडी गठबंधन भी डूब जाएगा।

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नेतृत्व के लिए संघर्ष
हाल ही में ममता बनर्जी ने कहा था कि मौजूदा लोग इंडी गठबंधन को ठीक से नहीं चला पा रहे हैं। वह बंगाल से गठबंधन का नेतृत्व कर सकती हैं। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस गठबंधन की हार के बाद गठबंधन दलों में दरार आने लगी है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह गठबंधन की कमान संभालने के लिए तैयार हैं। बता दें कि संसद सत्र के दौरान इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच तनातनी देखने को मिल रही है। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस अलग-अलग मुद्दे उठा रही है।

ममता बनर्जी ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा के खिलाफ गठबंधन बनाया था, लेकिन इंडी गठबंधन का नेतृत्व करने वालों पर जिम्मेदारी है। अगर वे इसे चलाने में सक्षम नहीं हैं, तो वह क्या कर सकती हैं? उन्होंने कहा कि वह सिर्फ इतना ही कहेंगी कि सबको साथ लेकर चलना चाहिए।

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गठबंधन को सही नेतृत्व की जरूरत
इंडी गठबंधन में नेतृत्व को लेकर खींचतान तेज हो गई है। ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है कि वह भारतीय नेतृत्व करना चाहती हैं। अगर ऐसा नहीं होता है तो उनकी पार्टी गठबंधन से अलग हो सकती है। कांग्रेस इस बात से सहमत नहीं है कि ममता बनर्जी गठबंधन का नेतृत्व करें, जबकि समाजवादी पार्टी ने ममता बनर्जी का समर्थन किया है, साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार और राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने ममता का समर्थन किया है। समाजवादी पार्टी ने कहा कि इंडी गठबंधन को हरियाणा और महाराष्ट्र में हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में ममता अपने नेतृत्व से विपक्षी दलों के गठबंधन को मजबूत करेंगी।

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कांग्रेस पार्टी अहंकार से भरी
राजनीतिक विशेषज्ञ धनराज सालवी ने हिंदुस्थान पोस्ट द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि इंडी गठबंधन में शामिल पार्टियां सिर्फ भ्रष्टाचार की पार्टियां हैं। उन्हें देश, लोकतंत्र और संविधान की कोई परवाह नहीं है। ये सब मिलकर देश की जनता को मूर्ख बना रहे हैं। उन्होंने दावा किया है कि कांग्रेस पार्टी सभी दलों को साथ लेकर चलने में सक्षम नहीं है, राहुल गांधी के पास नेतृत्व नहीं है। राज्यों में हार के बाद भी कांग्रेस का अहंकार नहीं टूटा है। अगर इंडी गठबंधन का नेतृत्व ममता बनर्जी के हाथ में चला गया तो पश्चिम बंगाल में हो रहे दंगों की तरह ही देश में भी दंगे देखने को मिल सकते हैं।

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गठबंधन में राहुल की पकड़ कमजोर
इंडी गठबंधन में राहुल गांधी पर उठ रहे सवालों के पीछे की वजह लोकसभा चुनाव के बाद चार राज्यों में हुए चुनावों के नतीजे हैं। जम्मू-कश्मीर में इंडी गठबंधन ने जीत दर्ज की लेकिन कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा। हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस के बीच आमने-सामने मुकाबला हुआ और कांग्रेस हार गई। झारखंड में इंडी गठबंधन जीता लेकिन जीत के हीरो राहुल नहीं बल्कि हेमंत सोरेन रहे। वहीं महाराष्ट्र में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा और बुरी तरह हार गई। राज्यों में हार के कारण गठबंधन के अंदर राहुल की पकड़ कमजोर हुई है।

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गठबंधन में कांग्रेस खलनायक
विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराने के लिए इंडी गठबंधन बनाया था। पीएम मोदी को हराने के लिए बड़े-बड़े दावों के साथ इंडी गठबंधन बनाया गया था और कहीं न कहीं जिस तरह से लोकसभा में भाजपा बहुमत से 32 सीट दूर रह गई और 240 सीटों पर सिमट गई, उससे इंडी गठबंधन को लगा कि फॉर्मूला काम कर गया। लेकिन, लोकसभा चुनाव के बाद जब हरियाणा विधानसभा चुनाव की बारी आई और कांग्रेस बुरी तरह हारी और पीएम मोदी ने महाराष्ट्र में भी इंडी गठबंधन को हरा दिया, तो अब ऐसा लग रहा है कि गठबंधन में कांग्रेस ही खलनायक बन गई है।

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आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति
महाराष्ट्र में हार के बाद महाविकास अघाड़ी में घमासान मचा हुआ है। पार्टियां एक दूसरे पर हमला बोल रही हैं। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी ने शिवसेना ‘उद्धव ठाकरे गुट’ पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “महाविकास अघाड़ी में अगर कोई हमारी भाषा नहीं बोलता है तो बीजेपी और उनमें क्या अंतर है? हम उनके साथ क्यों रहें?” इस पर शिवसेना उद्धव गुट के नेता आदित्य ठाकरे ने अखिलेश यादव की पार्टी समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र की सपा बीजेपी की बी-टीम की तरह काम करती है। महाराष्ट्र चुनाव में उन्होंने किसकी मदद की और कैसे की, यह सबको पता है।

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