Delhi: नई दिल्ली के दक्षिण जिला पुलिस ने हत्या के एक मामले की जांच के दौरान बांग्लादेशियों को अवैध तरीके से भारत में बसाने में शामिल एक बड़े गैंग का पर्दाफाश करते हुए 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।
दक्षिण जिले के डीसीपी अंकित चौहान ने 24 दिसंबर को पुलिस मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर बताया कि गिरफ्तार किए गए 11 लोगों में से पांच लोग बांग्लादेशी नागरिक हैं, जबकि 6 लोग फर्जी तरीके से दस्तावेज बनाने वाले रैकेट से जुड़े हैं। दिल्ली पुलिस ने राजधानी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की पहचान करने के लिए खास ऑपरेशन शुरू किया है। अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी संगम विहार और उनके गुर्गे रोहिणी इलाके से पकड़े गए हैं।
ऐसे खुला राज
पुलिस के मुताबिक 20 दिसंबर को लगभग 12:05 बजे एक महिला ने संगम विहार पुलिस में रिपोर्ट करने के लिए संपर्क किया कि उसका पति सेंटू शेख उर्फ राजा आवास पर बेहोश पड़ा हुआ है। पुलिस मौके पर पहुंची। जांच में डॉक्टरों ने सेंटू को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। हत्या की जांच के दौरान चार बांग्लादेशी नागरिकों-मिदुल मियां उर्फ आकाश अहमद, फरदीन अहमद उर्फ अभि अहमद और दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया। जांच में पता चला कि सेंटू उन्हें किसी न किसी बहाने से धमकाता रहता था। इसलिए उपरोक्त सभी आरोपितों ने एक महीने पहले सेंटू की हत्या की साजिश रची और उसके अनुसार उन्होंने गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। उन्होंने उससे नकदी और सामान भी छीन लिया, जो जांच के दौरान बरामद किया गया।
पूछताछ में सामने आया फर्जीवाड़ा
पूछताछ में पता चला कि वे अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए थे और फर्जी भारतीय आईडी हासिल कर पिछले एक साल से दिल्ली के संगम विहार इलाके में रह रहे थे। जांच में पता चला है कि आरोपितों ने अपने आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज तैयार करने के लिए फर्जी आईडी का इस्तेमाल किया था। पुलिस के अनुसार जांच में पता चला कि आरोपितों ने अपने आधार कार्ड साहिल सहगल की शॉप “पूनम ऑनलाइन कंप्यूटर सेंटर”, सेक्टर -5, रोहिणी से बनवाए थे। पुलिस ने साहिल को दबोचा तो पूछताछ में पता चला कि सेंटू शेख उर्फ राजा के माध्यम से अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों ने उससे संपर्क किया था।
फर्जी प्रमाण पत्र बरामद
साहिल ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए फर्जी वेबसाइट ‘Jantaprints.site’ का इस्तेमाल किया और आधार कार्ड प्रोसेसिंग के लिए उन्हें अपने सहयोगी रणजीत के पास भेजा। पुलिस ने रंजीत को गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही पर अफरोज को दबोचा। उसके बाद जांच में मोहम्मद चांद का नाम आया। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर इसे गिरफ्तार किया। इस बीच पुलिस ने सद्दाम हुसैन को और मो. चांद को गिरफ्तार किया।
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निशानदेही पर दबोचा गया मददगार
दोनों की निशानदेही पर पुलिस ने इनके सहयोगी दीपक मिश्रा उर्फ रजत को दबोचा। आगे पूछताछ में पता चला कि आरोपितों ने शुरुआत में अपनी उम्र 18 साल से कम दिखाकर आधार कार्ड बनवाए, क्योंकि ऐसे कार्डों को दिल्ली के कई केंद्रों पर संसाधित करना आसान था। 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों के लिए कार्ड दिल्ली में केवल चार केंद्रों तक सीमित थे। दीपक ने आगे खुलासा किया कि उसके जीजा सोनू कुमार ने ‘Jantaprints.site’ साइड बनाई थी। पुलिस ने सोनू को सेक्टर 55, नोएडा से गिरफ्तार किया। पूछताछ में सोनू ने बताया कि उसने यूट्यूब के माध्यम से नकली वेबसाइट बनाने का तरीका सीखा था। फर्जी आईडी दस्तावेज बनाने के लिए उसने पहले ‘Portalwale.com’ और ‘Portalwale.online’ भी बनाया था। वह नोएडा में साइबर कैफे चलाता है।