मालाबार नौसेना युद्धाभ्यास में नया साथी जुड़ गया है। इसके सदस्य देश भारत, अमेरिका और जापान हैं। लेकिन इस बार नया सदस्य ऑस्ट्रेलिया भी जुड़ गया है। इससे गठबंधन की शक्ति में बढ़ोतरी हो गई है।
विस्तारवादी चीन पड़ोसी देशों को लगातार परेशान कर रहा है। उसकी कथनी और करनी में बड़ा अंतर है वह बातें तो शांति की करता है लेकिन सीमा पर उसकी सेना हमेशा घात की कोशिश में रहती हैं। भारत लद्दाख में चीन की इसी नीति को कुचलकर डटा हुआ है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चीन को घेरने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसी क्रम में भारत, अमेरिका और जापान के बीच हर साल होनेवाले मालाबार नौसेना अभ्यास में एक सदस्य और जुड़ गया है। इस बार संभवत नवंबर में बंगाल की खाड़ी में होनेवाले सदस्य देशों की नौसेनाओं संयुक्त युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया भी जुड़ेगा।
रणनीतिक घेराबंद
ऑस्ट्रेलिया के मालाबार नौसेना युद्धाभ्यास में शामिल होने को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह चीन के विरुद्ध बड़ अर्थव्यवस्थाओं का एक मंच है जिनके मिलने से चीन को चालबाजी करना भारी पड़ सकता है।
भारत-अमेरिका ने शुरू किया
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय नौसेना सहयोग के तहत मालाबार युद्धाभ्यास वर्ष 1992 में शुरू किया गया था।। 2015 में इसमें जापान शामिल हुआ। जबकि इस साल इसमें ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हो गया है। वर्ष 2018 में यह वार्षिक युद्धाभ्यास फिलीपींस की गुआम के तट पर और 2019 में जापान के तट पर हुआ था। इस वर्ष इसके बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में आयोजित होने की संभावना है।
कैसे शामिल हुआ ऑस्ट्रेलिया?
मालाबार नौसेना युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया को शामिल करने का मुद्दा इस माह की शुरुआत में क्वाड (चार देशों के) विदेश मंत्रियों की चर्चा के दौरान उठा था। जापान और अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया को शामिल करने के पक्ष में राय जताई थी, इस पर भारत ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया को शामिल करने को वह तैयार है। इस संबंध में जारी एक प्रेस बयान में नई दिल्ली की ओर से कहा गया है, ‘समुद्री सुरक्षा के मामले में भारत अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाने का इच्छुक है। मालाबार 2020 युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया नौसेना भी भाग लेगा।’