चीन की याचना, अब दे रहा संबंधों की दुहाई!

खराब वेदर में हिरासत में लिए गए इस चीनी सैनिक के साथ सुरक्षा बलों ने अपने मानव धर्म की मिसाल पेश की । उसे खाना और गर्म कपड़े दिए तथा ऑक्सीजन के साथ मेडिकल सुविधाएं भी उपलब्ध कराईं। सैनिक का नाम वांग या लांग बताया गया है।

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भारत ने पूर्वी लद्दाख के डेमचॉक इलाके में सोमवार को सुबह एक चीनी सैनिक को हिरासत में लिया है। फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है। भारतीय सुरक्षा बल उससे पूछताछ के बाद चीनी सेना को सौंप देगा।
खराब वेदर में हिरासत में लिए गए इस चीनी सैनिक के साथ सुरक्षा बलों ने अपने मानव धर्म की मिसाल पेश की । उसे खाना और गर्म कपड़े दिए तथा ऑक्सीजन के साथ मेडिकल सुविधाएं भी उपलब्ध कराईं। सैनिक का नाम वांग या लांग बताया गया है। वह चीनी सेना में कॉरपोरल रैंक पर है। उसके पास से सिविल और मिलिट्री दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। उसने पूछताछ में बताया कि वह शांगजी इलाके का रहनेवाला है।

अनजाने में भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने की संभावना
माना जा रहा है कि वह अनजाने में भारतीय क्षेत्र में आ गया था। भारतीय सुरक्षा बल उससे पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि कहीं वह किसी जासूसी मिशन पर तो नहीं था। सैनिक प्रोटोकॉल के हिसाब से जरुरी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसे चुशुल-मॉल्डो बीपीएम प्वाइंट पर चीनी सेना को सौंप दिया जाएगा।

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क्या है प्रोटोकॉल?
अगर कोई अनजाने में सीमा पार करता है तो उसे पूछताछ के बाद वापस सौंप दिया जाता है। हालांकि चीन इस मामले में भी तिकड़मबाजी से बाज नहीं आता है। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी यानी पीएलए ने 4 सितंबर को अरुणाचल प्रदेश के पांच युवकों को अगवा कर लिया था। शुरू में चीन ने उनको अपने कब्जे में होने से इनकार किया था। इस बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि उनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। लेकिन बाद में भारत द्वारा दबाव बढ़ाए जाने पर उसने युवकों को अपने कब्जे में होने की बात कबूल की थी और भारतीय सेना को सौंप दिया था।

भारत ने हमेशा पेश की है मानवता की मिसाल
भारतीय सैनिक ने हमेशा मानवता की मिसाल पेश की है। वह अनजाने में सीमा पर आए नागरिकों को सकुशल वापस भेजने में हिचकता नहीं। बता दें कि दोनों देशों के तनाव के समय एक चीनी जोड़ा रास्ता भटक गया था। सेना ने न सिर्फ उनको रास्ता दिखाया था, बल्कि खाना भी खिलाया और पूरे वक्त उनका ख्याल रखा था। इससे पहले 31 अगस्त को भी भारतीय सेना की पूर्वी कमान ने अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी कामैंग में उनके नागरिकों के 13 याक और चार बछड़ों को चीनी अधिकारियों को सौंप दिया था।

चीन के सूर पड़े नरम
चीनी सैनिक के हिरासत में लिए जाने के बाद हर बात में जंग की धमकी देनावाले चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स का सूर नरम पड़ गया है। उसने कहा है कि खोए हुए सैनिक को लौटाने से दोनों देशों के बीच भरोसा बढ़ेगा। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि चीन और भारत सैनिक के वापसी के मुद्दे पर लगातार बातचीत कर रहे हैं। मामला सुलझने से द्विपक्षीय वार्ता में नई प्रगति का संकेत मिलेगा। उसने यह भी लिखा है कि इस घटना से दोंनो देशों के बीच चल रही बातचीत पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। इस सैनिक की वापसी की दिशा में दोनों देश काम कर रहे हैं।

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