Maharashtra: कांग्रेस नेतृत्व में परिवर्तन (change in Congress leadership) को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है क्योंकि युवा नेताओं ने महाराष्ट्र (Maharashtra) प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद (state Congress president post) के लिए दौड़ने से इनकार कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने कुछ युवा नेताओं से प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए आवेदन मांगा था, लेकिन उन्होंने जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया।
पार्टी की आंतरिक बैठक में प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के कामकाज को लेकर नाराजगी जताने के बाद नए नेतृत्व विकल्प की तलाश की जा रही है। कई वरिष्ठ नेताओं ने विचार व्यक्त किया था कि पार्टी को युवा और ऊर्जावान नेतृत्व की आवश्यकता है। इस पृष्ठभूमि में सतेज पाटिल, अमित देशमुख और विश्वजीत कदम जैसे नेताओं के नाम चर्चा में आया। हालांकि, माना जा रहा है कि इन नेताओं ने पार्टी के वरिष्ठ नेता के तौर पर काम करने को प्राथमिकता देने का फैसला किया है।
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हामी से पीछे क्या कारण हैं?
कहा जा रहा है कि युवा नेताओं द्वारा प्रदेश अध्यक्ष पद को नकारे जाने की वजह गुटबाजी, अंदरूनी कलह और प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर मिलने वाली चुनौतियों का डर है। कांग्रेस की मौजूदा स्थिति में पार्टी को पुनर्जीवित करना एक बड़ी जिम्मेदारी है और चुनावी विफलता की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्षों पर डाली जाती है, जो एक महत्वपूर्ण कारण माना जा रहा है।
इस बीच प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए कुछ वरिष्ठ नेताओं के नामों पर भी चर्चा हो रही है। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व जल्द ही इस पर अंतिम फैसला ले सकता है। कांग्रेस को महाराष्ट्र में आगामी नगर निगम, पंचायत समिति के साथ-साथ जिला परिषद चुनावों के लिए प्रभावी नेतृत्व प्रदान करना होगा। इन घटनाक्रमों ने पार्टी में आंतरिक संघर्ष और नेतृत्व अनिश्चितता को गहरा कर दिया है। इसलिए सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा ?
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विजय वडेट्टीवार का नाम सबसे आगे है
वडेट्टीवार एक अनुभवी नेता हैं, जिन्होंने पार्टी की विभिन्न जिम्मेदारियों में अपनी योग्यता साबित की है। सूत्रों के मुताबिक, विदर्भ में उनके मजबूत प्रभाव और उनके कार्य अनुभव को देखते हुए वडेट्टीवार को प्रदेश अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। पार्टी में गुटबाजी से जूझ रहे वडेट्टीवार के सामने आगामी चुनाव के लिए कांग्रेस संगठन को मजबूत करने की चुनौती होगी। पार्टी के कुछ क्षेत्रीय नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में झटका लगने के बाद वडेट्टीवार जैसे आक्रामक नेता को अध्यक्ष चुना जाना चाहिए और अब स्थानीय निकायों के चुनाव सामने हैं। नाना पटोले ने सार्वजनिक रूप से स्पष्ट कर दिया है कि अगर प्रदेश अध्यक्ष पद पर कोई भी चुना जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी। हालांकि, ऐसी भी चर्चा है कि अगर वडेट्टीवार को प्रदेश अध्यक्ष चुना जाता है तो पटोले समर्थक इसे पचा नहीं पाएंगे।
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