देश में होगा बैटरी स्टोरेज का उत्पादन! ये होंगे फायदे

देश में ईंधन क बढ़ती कमी को देखते हुए सरकार ने महत्वपूर्ण लिए हैं। कैबिनेट की बैठक में लिए गए इस निर्णय में बैटरी स्टोरेज उत्पादन देश में ही करने पर जोर दिया गया।

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देश में ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर आम लोगों से लेकर सरकार तक सभी चिंतित हैं। इसकी तोड़ की तलाश में देश-दुनिया के वैज्ञानिकों के साथ ही उद्योपति भी जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में इलेक्ट्रिक से चलने वाले वाहनों पर सरकार और वाहन निर्माता कंपनियों ने ध्यान केंद्रित किया है। इस बारे में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि देश में ही बैटरी स्टोरेज का उत्पादन किया जाएगा और इसी से इलेक्ट्रिटक वाहन चलेंगे। इनमें ईंधन की कोई जरुत नहीं होगी।

जावड़ेकर 12 मई को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में लिए गए निर्णयों के बारे में जानकारी दे रहे थे। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीटिंग में लिए गए निर्णयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

बैटरी स्टोरेज उत्पादन को लेकर बड़ा निर्णय
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। उन्होंने बताया कि बैटरी स्टोरेज को लेकर लिया गया फैसला आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम होने के साथ ही मेक इन इंडिया का भी आविष्कार है। जावड़ेकर ने इसे देश के लिए विन-विन फॉर्मूला बताया।

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ईंधन का आयात होगा कम
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे भविष्य में ईंधन के आयात को कम किया जाएगा। इसके लिए 45 हजार करोड़ का देश में निवेश होगा। इस योजना से इलेक्ट्रिकल वाहन योजना को काफी लाभ होगा। जब हम बैटरी स्टोरेज का उपयोग करेंगे, तो कोयले की भी बचत होगी।
कैबिनेट की बैठक में एडवांस सेल बैटरी के स्टोरेज के राष्ट्रीय कार्यक्रम को मंजूरी दी गई।

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इस लक्ष्य पर नजर
बता दें कि एडवांस केमिस्ट्री सेल से एनर्जी को केमिकल फॉर्म में स्टोर किया जाता है। इसका उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों में किया जाता है। वर्तमान में भारत इसका बड़े पैमाने पर आयात करता है। सरकार की योजना है कि इसके आयात को कम किया जाए और घरेलू स्तर पर इसका उत्पादन बढ़ाया जाए।

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