Veer Savarkar Insult Case: राहुल गांधी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में हुए पेश

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को स्वातंत्र्यवीर सावरकर के खिलाफ निराधार आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने और अपमानित करने के मामले में 2 दिसंबर, 2024 को पुणे की एक विशेष अदालत ने व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया।

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Veer Savarkar Insult Case: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को वीर सावरकर के खिलाफ झूठे आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने के मामले में पुणे की विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने जमानत दे दी। अदालत ने उन्हें 10 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया था, लेकिन राहुल गांधी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश हुए। अदालत ने राहुल गांधी से आरोपी के रूप में उनका नाम और पहचान पूछी तथा मामले की सुनवाई पूरी होने तक उन्हें आधे घंटे तक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठे रहने को कहा। यह याचिका वीर सावरकर के पोते सात्यकी सावरकर द्वारा दायर की गई है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को स्वातंत्र्यवीर सावरकर के खिलाफ निराधार आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने और अपमानित करने के मामले में 2 दिसंबर, 2024 को पुणे की एक विशेष अदालत ने व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया। यह महत्वपूर्ण आदेश पुणे स्थित सांसदों/विधायकों के लिए एक विशेष अदालत द्वारा दिया गया। हालांकि, राहुल गांधी उस दिन अदालत में पेश नहीं हुए। उस समय उन्होंने अदालत को कारण बताया था कि उन्हें संसद के सत्र में भाग लेना था। इस मामले की सुनवाई 10 जनवरी को हुई। अगर राहुल गांधी अदालत में पेश नहीं होते तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो सकता था। इसलिए राहुल गांधी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुए।

25,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत
वीर सावरकर के पोते सात्यकी सावरकर ने पुणे की एक अदालत में अपील की,जिस पर शुक्रवार, 10 जनवरी को अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 25,000 रुपये के निजी जमानत बांड पर जमानत दे दी। अदालत ने राहुल गांधी को निर्देश दिया है कि जब तक मामला चल रहा है, तब तक वह वीर सावरकर के बारे में कोई बयान न दें।

सात्यकी सावरकर के वकील का आरोप
इस बीच, याचिकाकर्ता सात्यकी सावरकर के वकील संग्राम कोल्हटकर ने अदालत में एक आवेदन दायर कर कहा है कि राहुल गांधी का व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के बजाय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश होना गलत था। मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी तक स्थगित कर दी गई है।

क्या है मामला?
सात्यकी सावरकर द्वारा दायर शिकायत के अनुसार, राहुल गांधी ने लंदन में कहा था कि विनायक दामोदर सावरकर ने एक किताब लिखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह (सावरकर) और उनके पांच-छह दोस्त एक मुसलमान को पीटे जाते देखकर खुश हुए थे। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि क्या ये कायराना हरकत नहीं है… लेकिन सावरकर ने ऐसी कोई किताब नहीं लिखी है जैसा राहुल गांधी ने दावा किया है और न ही ऐसी कोई घटना घटी है, जैसा सात्यकी सावरकर ने सबूतों के साथ कोर्ट में पेश किया है।

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आरोप निराधारःसात्यकी सावरकर
सात्यकी सावरकर ने अपनी याचिका में कहा है, “राहुल गांधी ने जानबूझकर वीर सावरकर के खिलाफ झूठे और निराधार आरोप लगाए हैं। यह पूरी तरह जानते हुए भी कि ये आरोप झूठे हैं, उन्होंने सावरकर के नाम को बदनाम करने और उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के विशेष इरादे से ये आरोप लगाए।” इस याचिका में उन्होंने साक्ष्य के तौर पर कुछ समाचार रिपोर्टों के साथ-साथ लंदन में राहुल गांधी के भाषण के वीडियो का यूट्यूब लिंक भी प्रस्तुत किया था। सात्यकी ने आईपीसी की धारा 500 के तहत आरोपियों के लिए अधिकतम सजा की मांग की है।

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