प्रयागराज (Prayagraj) में सोमवार (13 जनवरी) से महाकुंभ (Maha Kumbh) शुरू हो गया है। पहले अमृत स्नान (Amrit Snan) के लिए श्रद्धालुओं (Devotees) की भारी भीड़ उमड़ी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के शुरू होने पर बधाई दी है। सीएम योगी ने ट्वीट कर कहा, पौष पूर्णिमा की बधाई। दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम ‘महाकुंभ’ आज से पावन नगरी प्रयागराज में शुरू हो रहा है। लाखों श्रद्धालु आज त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाएंगे।
बता दें कि 13 जनवरी से शुरू होकर महाकुंभ का पावन पर्व 26 फरवरी तक चलेगा। माना जाता है कि यह महाकुंभ 144 साल बाद आया है और इसलिए इसे बेहद खास माना जा रहा है। महाकुंभ का पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) 14 जनवरी को किया जाएगा। हिंदू पौराणिक शास्त्रों के अनुसार, महाकुंभ में डुबकी लगाने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है।
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पौष पूर्णिमा की बधाई।
विश्व के विशालतम आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक समागम 'महाकुम्भ' का आज से तीर्थराज प्रयागराज में शुभारंभ हो रहा है।
अनेकता में एकता की अनुभूति के लिए, आस्था एवं आधुनिकता के संगम में साधना एवं पवित्र स्नान के लिए पधारे सभी पूज्य सन्तों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 12, 2025
दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम में श्रद्धालु
महाकुंभ के शुभारंभ पर ब्रह्म मुहूर्त में पहला अमृत स्नान करने के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंचे हैं। संगम के तट पर आज भारत की सदियों पुरानी परंपरा फिर जीवंत हो उठी है। दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम में श्रद्धालु पूरे जोश और उत्साह के साथ भाग ले रहे हैं। महाकुंभ में कोई भेदभाव नहीं है, कोई पक्षपात नहीं है, कोई ऊंचा या नीचा नहीं है।
महाकुंभ स्नान के नियम
महाकुंभ में स्नान करने वाले गृहस्थों को 5 बार डुबकी अवश्य लगानी चाहिए। साथ ही डुबकी लगाने के बाद किसी प्राचीन मंदिर में जाकर अपनी क्षमता के अनुसार, दान करना चाहिए। ऐसा करने के बाद ही आपकी धार्मिक यात्रा सफल होती है।
144 साल बाद आया है महाकुंभ
यह महाकुंभ 144 साल बाद आया है। मान्यता है कि 12 पूर्ण कुंभ के बाद यानी हर 144 साल में महाकुंभ आता है। महाकुंभ का आयोजन सिर्फ प्रयाग में ही होता है। हर 12 साल में लगने वाले कुंभ मेले को पूर्ण कुंभ कहा जाता है। अर्ध कुंभ हर 6 साल में लगता है। अर्ध कुंभ सिर्फ प्रयागराज और हरिद्वार में ही लगता है। पौष पूर्णिमा अमृत स्नान के साथ ही इस पावन नगरी प्रयाग में महाकुंभ की शुरुआत हो गई है। संगम तट पर श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाई।
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