क्या शशि थरुर पर अफवाह फैलाने के लिए दर्ज किया जाएगा मामला?

कांंग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद के गलत ट्वीट को लेकर चर्चा गरम है। उन्होंने हाल ही में अंडमान निकोबार को लेकर कुछ चिंताजनक ट्वीट किए थे, लेकिन जब पीआईबी ने आंकड़े प्रस्तुत किए तो उन्होंने अपनी गलती स्वीकार कर ली।

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शशि थरूर की पहचान कांग्रेस के लोकसभा सांसद, लेखक और पार्टी के थिंक टैंक के रुप है। ऐसा कहा जाता है कि वे कुछ भी सार्वजनिक रुप से बोलते हैं, तो खूब जानकारी लेकर और सोच-समझकर बोलते हैं। सोशल मीडिया पर उनका एक बड़ा प्रशंसक वर्ग भी है। यह वर्ग उनके भाषण को गंभीरता से लेता है। लेकिन थरूर के मौजूदा (बेबुनियाद) ट्वीट सोशल मीडिया पर काफी हलचल मचा रहे हैं। उनके द्वारा दिए गए आंकड़े उनके (पुख्ता) ‘फॉर्मूलों’ के सारे गणित बिगाड़ रहे हैं। थरूर ने ट्वीट किया कि अंडमान-निकोबार में कोरोना की स्थिति विकट है। उसके लिए उन्होंने कुछ आंकड़े भी दिए। हालांकि, भारत सरकार के पीआईबी फैक्ट चेक विंग ने कहा है कि उनके द्वारा दिए गए आंकड़े गलत हैं। अब यह सवाल पूछा जा रहा है कि क्या थरूर के खिलाफ इस तरह से बेबुनियाद ट्वीट करके समाज में अफवाहें फैलाने के लिए कार्रवाई की जाएगी?

ये है शशि थरूर का ट्वीट
10 मई को शशि थरूर ने ट्वीट किया कि अंडमान-निकोबार में कोरोना की स्थिति खराब हो रही है और मैं वहां की स्थिति के बारे में सुनकर बहुत परेशान हूं। वहां जी. बी. पंत अस्पताल में हर दिन 4 से 5 मरीजों की मौत हो रही है। लेकिन उन मौतों के आंकड़ों को छिपाया जा रहा है। लक्षण दिखने वाले रोगियों के भी परीक्षण नहीं किए जा हैं। 4 लाख लोगों के लिए केवल 50 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। दुर्भाग्य से मीडिया इस मुद्दे पर चुप है, यह मुझे बहुत बुरा लगता है।

यह बात शशि थरूर ने इस ट्वीट के जरिए कही। हालांकि, प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) की फैक्ट चेक विंग ने थरूर के दावे को झूठा साबित कर दिया।

ये है तथ्य
शशि थरूर का दावे को गलत बताते हुए पीआईबी की फैक्ट चेक विंग ने अंडमान और निकोबार से आंकड़े पेश किए। पीआईबी ने कहा कि अंडमान और निकोबार में कोरोना की स्थिति के बारे में झूठे दावे किए जा रहे हैं। वहां कोरोना परीक्षणों की रिपोर्ट पेश करते हुए कहा गया कि इस द्वीप में देश के प्रति मिलियन लोगों पर सबसे अधिक परीक्षण किए गए हैं। अब तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में कुल 9 लाख 43 हजार 233 कोरोना परीक्षण किए जा चुके हैं। कोरोना की दूसरी लहर में मात्र 16 मरीजों की जान गई है। अंडमान और निकोबार में रिकवरी दर 96 प्रतिशत है। पीआईबी फैक्ट चेक विंग ने खुलासा किया कि यह रिकवरी दर देश के अन्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अधिक है। इसके बाद शर्मिंदा हुए थरूर ने ट्वीट का जवाब दिया।

यह था थरूर का जवाब
पीआईबी से यह जानकारी मिलने के बाद, थरूर ने जवाब दिया और अपनी गलती के लिए माफी मांगते हुए कहा,’आपके द्वारा प्रदत्त जानकारी को सुनकर खुशी हुई। जिन सूत्रों ने मुझे यह जानकारी दी, वे अंडमान और निकोबार में सरकारी कर्मचारी हैं। उन्होंने मुझसे राष्ट्रीय स्तर पर मुद्दों को उठाने की अपील की। वे अपनी पहचान प्रकट करने से डरते हैं, इसलिए मैं उन्हें इस मामले पर आगे आने के लिए नहीं कह सकता। मैं आपके द्वारा दी गई जानकारी को सही मानता हूं और मानता हूं कि मेरे स्रोतों की जानकारी गलत है।’

इस ट्वीट का रिप्लाई करते हुए थरूर ने यह जवाब दिया। इसके बावजूद, थरूर ने अब तक अपने गलत ट्वीट को डिलीट नहीं किया है।

इससे पहले भी थरूर के ट्वीट से खलबली मच गई थी
22 अप्रैल की रात को थरूर ने एक सनसनीखेज ट्वीट किया। इसमें उन्होंने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के निधन की जानकारी दी थी और उन्हें श्रद्धांजलि दी। परिणामस्वरूप, कई मीडिया हाउस ने इस बारे में खबर देनी शुरू कर दी थी।

उस समय भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट किया कि सुमित्रा महाजन स्वस्थ हैं और उनकी लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करता हूं। तब सभी लोगों ने और खुद थरूर ने महसूस किया कि उनके द्वारा दी गई जानकारी गलत है। इसके बाद उन्होंने अपना वो ट्वीट डिलीट कर दिया।

लेकिन सवाल है कि कांग्रेस जैसी पार्टी के एक जिम्मेदार नेता को बिना तथ्यों को सत्यापित किए ऐसी (झूठी) जानकारी देने में इतनी जल्दबाजी क्यों करनी चाहिए?

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