Assam: पंजाब की राजनीति में 14 जनवरी से एक नए राजनीतिक दल की एंट्री हो गई है। असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तानी समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह ने ‘अकाली दल वारिस पंजाब दे’ नामक राजनीतिक दल का गठन किया है। जेल में बंद होने के बावजूद अमृतपाल सिंह बाज नही आ रहा है।
माघी मेले पर आयोजित सियासी कांफ्रेंस के दौरान बनाए ऐलान
मुक्तसर साहिब में माघी मेले के अवसर पर आयोजित सियासी कांफ्रेंस के दौरान नए राजनीतिक दल का ऐलान अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह, सांसद सरबजीत सिंह खालसा व अन्य नेताओं ने किया। माघी मेले पर आयोजित सियासी कांफ्रेंस के दौरान बनाए गए मुख्य मंच पर जरनैल सिंह भिंडरावाला, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे जगतार सिंह हवारा और जन.सुबेग सिंह की तस्वीरें लगाई गई थीं। नए राजनीतिक दल का अध्यक्ष डिब्रूगढ़ जेल में बंद सांसद अमृतपाल को बनाया गया है। अध्यक्ष अमृतपाल अभी जेल में हैं, इसलिए पार्टी को चलाने के लिए कमेटी बनाई गई है।
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दो विचारधाराओं की जंग
पार्टी नेता जसकरन सिंह काहन सिंह वाला ने कहा कि चुनाव आयोग को पार्टी के लिए तीन नाम भेजे गए थे, जिसमें इस नाम पर मुहर लगी है। उन्होंने कहा कि ये दो विचारधाराओं की जंग है। एक विचारधारा दिल्ली की है, जो किसानों की जान ले रही है। दिल्ली की सोच सिख समुदाय को नुकसान पहुंचा रही है। दिल्ली की सोच बंदी सिखों को बंदी बनाए रखना चाहती है। दिल्ली की सोच पंथ और पंजाब को नुकसान पहुंचा रही है। दिल्ली की सोच पंजाब के पानी को लूटना चाहती है।