Mahakumbh : महाकुम्भ में 16 जनवरी से 24 फरवरी तक ’संस्कृति का महाकुम्भ’ होगा। मुख्य मंच गंगा पंडाल का होगा, जिसमें देश के नामचीन कलाकार भारतीय संस्कृति का प्रवाह करेंगे। इसके अतिरिक्त यमुना एवं सरस्वती पंडाल में भी 16 जनवरी से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रारम्भ होंगे। त्रिवेणी पंडाल में 21 जनवरी से अनवरत सांस्कृतिक सुरों का संगम होगा।
बहेगी बॉलीवुड सिंगर शंकर महादेवन के सुरों की गंगा
16 जनवरी को गंगा पंडाल में बॉलीवुड सिंगर शंकर महादेवन के सुरों की गंगा में श्रोता आनंद की डुबकी लगाएंगे तो यमुना पंडाल में काशी के संस्कृत विद्यालय के विद्यार्थी मंगला चरण से ईश्वर के चरणों में श्रद्धा निवेदित करेंगे। पहले दिन सरस्वती पंडाल पर नौटंकी विधा से भी श्रद्धालु परिचित होंगे। पद्मश्री रामदयाल शर्मा 30 सदस्यीय टीम के साथ कृष्ण सुदामा की मित्रता को दर्शकों के सामने प्रस्तुत करेंगे।
त्रिवेणी, यमुना और सरस्वती पंडाल में भी होंगे विविध कार्यक्रम
भक्ति व विरासत के इस उत्सव में गंगा पंडाल का मंच मुख्य होगा। 10,000 दर्शकों की क्षमता के लिए सेक्टर-1 के परेड ग्राउंड में गंगा पंडाल बनाया गया है। यह भारत के प्रसिद्ध कलाकारों की भव्य प्रस्तुतियों का केंद्र है। इसके अलावा दो हजार दर्शकों की क्षमता वाला त्रिवेणी, यमुना व सरस्वती पंडाल बनाया गया है। य़हां भी मेजबान उत्तर प्रदेश समेत देश के नामचीन कलाकार अनेक विधाओं में अपनी प्रस्तुति देंगे।
16 जनवरी को होने गंगा पंडाल में होने वाले मुख्य कार्यक्रम में प्रो. ऋत्विक सान्याल (वाराणसी) का शास्त्रीय-उप शास्त्रीय गायन, विचत्रानंदा स्वेन (भुवनेश्वर) ओडिशी नृत्य, कुशल दास (कोलकाता) सितार, शंकर महादेवन (मुम्बई) व रविशंकर (उप्र), भजन-सुगम संगीत होगा।
यमुना पंडाल में संस्कृत विद्यालय वाराणसी के बच्चों द्वारा मंगलाचरण, सान्या पाटनकर (राजस्थान) शास्त्रीय गायन, सहीराम पांडेय (गोंडा) आल्हा गायन, सरिता मिश्रा (लखनऊ) लोकगायन, रामप्रसाद (प्रयागराज) बिरहा गायन, पीयूषा कैलाश अनुज (दिल्ली) भजन, आरुषी मुद्गल (दिल्ली) ओडिशी नृत्य एवं अमरजीत (सोनभद्र) जनजाति लोकनृत्य होगा।
सरस्वती पंडाल में सौरभ बनौधा (सोनभद्र) बंसी वाद्यवृंद, श्वेता दुबे (वाराणसी) भजन गायन, श्रुति मालवीय (लखनऊ) भजन-लोकगायन एवं पद्मश्री रामदयाल शर्मा (दिल्ली) कृष्ण सुदामा नौटंकी होगी।
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