ISRO SpaDeX Mission: इसरो ने सफलतापूर्वक पूरा किया स्पैडएक्स मिशन, ऐसा करने वाला भारत बना चौथा देश

सैटेलाइट डॉकिंग एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें 2 अंतरिक्ष यान को अंतरिक्ष में डॉकिंग के लिए तैयार किया जाता है। यह तकनीक अंतरिक्ष में वाहनों के स्वचालित कनेक्शन को सक्षम बनाती है।

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Photo : X : @isro

भारत (India) ने अंतरिक्ष (Space) में इतिहास रच दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation) का अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग (Space Docking Experiment) सफल रहा है। इसरो ने खुद अपने आधिकारिक एक्स हैंडल के जरिए यह जानकारी दी है।

इसरो के इस मिशन के तहत अंतरिक्ष में भेजे गए दोनों उपग्रह एक दूसरे से सफलतापूर्वक जुड़ गए हैं। अमेरिका, रूस और चीन के बाद ऐसा करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है। इस मिशन ने अंतरिक्ष में भारत की ताकत को और मजबूत करने का काम किया है। यह तकनीक चंद्रयान-4 (Chandrayaan-4), अंतरिक्ष स्टेशन निर्माण और कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की नींव रखेगी।

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क्या है डॉकिंग तकनीक?
सैटेलाइट डॉकिंग एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें 2 अंतरिक्ष यान को अंतरिक्ष में डॉकिंग के लिए तैयार किया जाता है। यह तकनीक अंतरिक्ष में वाहनों के स्वचालित कनेक्शन को सक्षम बनाती है। इसके जरिए एक अंतरिक्ष यान से दूसरे अंतरिक्ष यान में इंसानों या सामग्रियों को स्थानांतरित किया जा सकता है। डॉकिंग तकनीक के सफल प्रदर्शन से भारत अपने अंतरिक्ष मिशनों को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकेगा।

कब लॉन्च किया गया?
इसरो ने 30 दिसंबर को स्पैडएक्स मिशन लॉन्च किया था। पीएसएलवी सी60 रॉकेट 24 पेलोड के साथ 2 छोटे उपग्रह – एसडीएक्स01 (चेजर) और एसडीएक्स02 (लक्ष्य) लेकर गया था। उड़ान के करीब 15 मिनट बाद करीब 220 किलोग्राम वजन वाले 2 छोटे अंतरिक्ष यान 475 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में लॉन्च हो गए। इसके बाद 9 जनवरी को दोनों उपग्रहों को 3 मीटर के करीब लाया गया और अब यह काम पूरा हो गया है।

देखें यह वीडियो – 

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