Maha Vikas Aghadi: राहुल गांधी और शरद पवार के बीच मतभेद फिर उजागार, जानिये क्या है मुद्दा

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार गुट द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रशंसा करने के मात्र चार दिन बाद, कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरएसएस पर निशाना साधा।

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Maha Vikas Aghadi: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार गुट द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रशंसा करने के मात्र चार दिन बाद, कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरएसएस पर निशाना साधा। इससे पहले भी राहुल गांधी शरद पवार के खिलाफ स्टैंड लेकर यह दिखा चुके हैं कि पवार और कांग्रेस के बीच वैचारिक मतभेद हैं।

टीम का कैडर मजबूत और प्रतिबद्ध
मुंबई में एक पार्टी कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शरद पवार ने आरएसएस की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा था, संघ ने विधानसभा चुनावों के लिए सही प्रचार रणनीति बनाई थी। इसलिए, विधानसभा में महागठबंधन को शानदार सफलता मिली। संघ के स्वयंसेवक अपनी विचारधारा के प्रति निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ काम करते थे। हमें भी राजर्षि शाहू महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले और डॉ बाबासाहेब अंबेडकर की विचारधारा पर चलने वाला एक मजबूत और प्रतिबद्ध कैडर बनाने के लिए काम करना चाहिए।

भाजपा और आरएसएस के खिलाफ लड़ाई
पवार ने 10 जनवरी 2025 को आरएसएस की प्रशंसा की और चार दिन के भीतर ही राहुल गांधी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान की आलोचना की। भागवत ने बयान दिया था कि भारत को सच्ची आजादी 1947 में नहीं, बल्कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद मिली। राहुल गांधी ने भागवत के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह देशद्रोह है। ऐसा मत सोचिए कि हम निष्पक्ष लड़ाई लड़ रहे हैं। गांधी ने यह भी कहा कि यह लड़ाई भाजपा और आरएसएस के खिलाफ है।

अडानी के खिलाफ अभियान
उद्योगपति गौतम अडानी और शरद पवार के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध सर्वविदित हैं। नवंबर 2024 में विधानसभा चुनाव से पहले एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में शरद पवार ने कहा था कि उद्योगपति गौतम अडानी के साथ उनके अच्छे संबंध हैं। पवार ने यह भी स्पष्ट किया था कि भंडारा और गोंदिया क्षेत्रों में उनकी परियोजनाएं तब शुरू हुईं, जब वह मुख्यमंत्री थे और उन्होंने ही उनका उद्घाटन किया था। इसके बाद राहुल गांधी ने अडानी के खिलाफ मुहिम छेड़ दी थी।

वीर सावरकर पर भी मतभेद
मार्च 2023 में जब राहुल गांधी ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर की आलोचना की थी, तब भी शरद पवार ने राहुल गांधी को सावरकर का महत्व समझाया था। पवार ने गांधी से कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में सावरकर के योगदान को देखते हुए उन्हें ‘माफीवीर’ कहना उचित नहीं है। पवार ने राहुल गांधी को संबोधित करते हुए यह भी कहा था कि हमें सावरकर की आलोचना करने से बचना चाहिए। जिस पर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने भी सहमति जताई।

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इस तरह के अपरिपक्व विचार व्यक्त करने के कारण कांग्रेस को कई बार नुकसान उठाना पड़ा है। कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर असंतोष है कि राहुल गांधी में ज्यादा सुधार नहीं हो रहा है।

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