Ujjain: उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर(World famous Jyotirlinga Lord Mahakaleshwar temple) के गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित(Entry to the sanctum sanctorum prohibited) होने के बावजूद 20 जनवरी को एक युवक बिना अनुमति के भीतर चला गया। इससे गर्भगृह के आसपास खड़े मंदिर के कर्मचारी और पुजारी हड़बड़ा गए। उन्होंने युवक को पकड़कर गर्भगृह से बाहर निकाला। घटना की जानकारी मिलने पर मंदिर के प्रशासक अनुकूल जैन(Temple administrator Anukul Jain) ने लापरवाही बरतने पर दो कर्मचारियों को नोटिस जारी(Notice issued to two employees) किया है। साथ ही सुरक्षा में तैनात दो सुरक्षाकर्मियों को हटाने के लिए पत्र निजी सुरक्षा कंपनी को भेजा है। महाकाल थाना पुलिस(Mahakal police station) ने युवक को हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ(Interrogation) शुरू कर दी है।
साधुओं के साथ गर्ण गृह पहुंचा युवर
इसी बीच 20 जनवरी काी सुबह करीब 8.24 बजे कुछ साधु-संत महाकाल मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे। वे चांदी द्वार होते हुए गर्भगृह की दहलीज पहुंचे और गर्भगृह में प्रवेश किया। इन साधु-संतों के साथ एक युवक भी भीतर चला गया। कर्मचारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। वह काले रंग के ट्रैक सूट में था। युवक ने शिवलिंग को छूकर नमन किया। इस दौरान वहां मौजूद पुजारी ने उसे देखा और पकड़ कर बाहर निकाला। जांच में पता चला है कि युवक का नाम निहाल सिंह (21) है। वह उज्जैन के जयसिंहपुरा का रहने वाला है और रामघाट पर फूल-हार की दुकान संचालित करता है।
लापररवाही का नोटिस जारी
घटना के बाद मंदिर प्रशासक अनुकूलल जैन ने गर्भगृह निरीक्षक कमल जोशी और नंदी हॉल प्रभारी प्रहलाद भास्कर को लापरवाही के लिए नोटिस जारी किया गया है। वहीं, क्रिस्टल कंपनी के गार्ड्स सोहन डाबी और अंकित को सेवा से बर्खास्त करने के लिए पत्र लिखा है। इधर, गर्भगृह में प्रवेश करने वाले युवक निहाल सिंह को पुलिस ने हिरासत में लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने बताया कि पूछताछ के बाद व मंदिर समिति से प्राप्त शिकायत के अनुसार आगे की कार्रवाई करेंगे।
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भक्तों की संख्या में तेजी से वृद्धि
उज्जैन में पहले महाकाल मंदिर में रोजाना 20 से 30 हजार श्रद्धालु पहुंचते थे, लेकिन अक्टूबर 2022 में महाकाल महालोक बनने के बाद भक्तों की संख्या में चार गुनी वृद्धि हो गई। यह संख्या बढ़कर डेढ़ से दो लाख तक पहुंच गई है। इतनी बड़ी संख्या में भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश देना नामुमकिन हो गया था, इसीलिए मंदिर समिति ने प्रवेश पर रोक लगा रखी है। मंदिर प्रबंध समिति दिवारा 4 जुलाई 2023 को सावन में आने वाली भीड़ को देखते हुए 11 सितंबर 2023 तक के लिए गर्भगृह बंद किया गया था। तब मंदिर समिति ने कहा था कि सावन खत्म होते ही गर्भगृह आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा, लेकिन एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी गर्भगृह नहीं खोला गया है।
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