West Bengal विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। यह मांग पश्चिम मेदिनीपुर जिले के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक्सपायर्ड रिंगर्स लेक्टेट सलाइन के कारण कथित तौर पर हुई मौतों के संबंध में की गई।
इस घटना में एक महिला और दूसरी पीड़ित महिला के नवजात शिशु की मौत हो गई। बताया गया है कि इन्हें एक्सपायर्ड सलाइन दिया गया था।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जो स्वास्थ्य विभाग का प्रभार भी संभालती हैं, और राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को विपक्ष के नेता ने जिम्मेदार ठहराया।
विरोध प्रदर्शन में लिया हिस्सा
शुभेंदु अधिकारी ने मेदिनीपुर शहर में नागरिक समाज द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने एक काले सूचीबद्ध कंपनी, पश्चिम बंगाल फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड, को सरकारी अस्पतालों में रिंगर्स लेक्टेट सलाइन की आपूर्ति जारी रखने की अनुमति दी। यह कंपनी कर्नाटक और पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा पहले ही ब्लैकलिस्ट की जा चुकी है।
डॉक्टरों को बलि का बकरा बनाने का आरोप
उन्होंने राज्य स्वास्थ्य विभाग पर डॉक्टरों को बलि का बकरा बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल के 12 डॉक्टरों को निलंबित कर पूरी जिम्मेदारी उन पर डाल दी गई है।
जांच को बताया पक्षपातपूर्ण
अधिकारी ने इस मामले में चल रही जांच को पक्षपातपूर्ण बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की। साथ ही, उन्होंने निलंबित डॉक्टरों का निलंबन तत्काल रद्द करने और पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा देने की भी बात कही।
उनका कहना था कि पीड़ित परिवारों को नाम मात्र का मुआवजा देकर मामले को दबाने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए।
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