उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जेल में फायरिंग की घटना हुई है। इस घटना में दो अपराधियों की फायरिंग में ही मौत हो गई। जेल में पिस्तौल से फायरिंग के खेल से जेल में सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस घटना में फायरिंग करनेवाला गैंगस्टर भी मारा गया है।
उत्तर प्रदेश की जेल में सुरक्षा पर सबसे बड़ा प्रश्न खड़ा हो गया है। चित्रकूट जेल में पूर्वांचल के कुख्यात गैंगस्टर अंशुल दीक्षित ने दो गैंगस्टरों पर खुली फायरिंग करके मौत के घाट उतार दिया। जेल में हथियार कैसे पहुंचा यह सबसे बड़ा प्रश्न है। इस घटना को अंजाम देनेवाले पूर्वांचल के गैंगस्टर अंशुल दीक्षित को सुल्तानपुर से चित्रकूट जेल में कुछ दिन पहले ही स्थानांतरित किया गया था।
First gangwar and then encounter inside Chitrakoot Jail of #UP. A total of three gangsters killed now. Sound of firing can be heard. pic.twitter.com/7v71iNKnvO
— Alok Arjun Singh (@AlokReporter) May 14, 2021
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जेल में पहुंचा हथियार प्रशासन बेखबर
चित्रकूट जेल में खूनी खेल रंगने के पीछे सुरक्षा में सबसे बड़ी चुक सामने आ रही है। पूर्वांचल के गैंगस्टर अंशुल दीक्षित के पास हथियार कहां से पहुंचा यह सबसे बड़ी जांच का विषय है। जानकारी के अनुसार अंशुल ने सबसे पहले मुकीम काला को गोली मारी थी इसके बाद मेराज अली को निशाना बनाया। दोनों ही अपराधियों की जगह पर ही मौत हो गई।
कैदियों के बीच खूनी खेल की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन भी पहुंच गया। इस बीच अंशुल ने पांच दूसरे कैदियों को बंदी बना लिया था। जिसे छुड़ाने के प्रयास में चली गोली में अंशुल भी मारा गया।
सीतापुर का रहनेवाला था अंशुल
अंशुल दीक्षित उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल का गैंगस्टर था। उसे 2014 में पुलिस ने एक मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे सुल्तानपुर जेल में रखा गया था। जहां से कुछ दिन पहले ही चित्रकूट जेल में स्थानांतरित किया गया था।
मुख्तार का पंटर भी मारा गया
गोलीबारी में मारे गए मेराज के बारे में जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार उसके विरुद्ध जैतपुरा थाने में शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण में फर्जीवाड़े का आरोप लगा था। इसके अलावा भी उसके विरुद्ध अपराध के अन्य आरोप थे। वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुख्तार अंसारी का काम देखता था। इस कार्य में मेराज को मुस्तकीम काला भी सहायता करता था।
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