Maharashtra: मुंबई उच्च न्यायालय ने आज कॉमरेड गोविंद पानसरे हत्याकांड में गिरफ्तार किए गए 6 व्यक्तियों को जमानत दे दी। इस निर्णय का संपूर्ण हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों द्वारा हृदय से स्वागत किया जा रहा है। ‘हिंदू आतंकवाद’ की थ्योरी को सिद्ध करने के लिए योजनाबद्ध रूप से ‘फेक नैरेटिव’ तैयार किया गया और आधुनिकतावादीओं की हत्याओं के मामलों में हिंदुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताओं को फंसाया गया।
पानसरे परिवार और अन्य तथाकथित आधुनिकतावादीओं ने इस मामले में हिंदुत्ववादी कार्यकर्ताओं को जमानत न मिले, इसके लिए बहुत प्रयास किया। वे लगातार मीडिया के सामने भ्रामक बातें रखकर न्यायालय और पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे। इस मुकदमे को जानबूझकर लटकाने का प्रयास किया जा रहा था। कोल्हापुर में पानसरे परिवार और आधुनिकतावादीओं द्वारा अपनाए जा रहे दबाव के चलते, यदि यह मुकदमा कोल्हापुर में ही चलता रहा, तो न्याय में बाधा उत्पन्न होगी। इसलिए हम सभी हिंदुत्ववादी संगठनों की ओर से न्यायालय से निवेदन करते हैं कि पानसरे हत्याकांड का मुकदमा कोल्हापुर में न चलाकर किसी अन्य निष्पक्ष स्थान पर स्थानांतरित किया जाए। यह मांग सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. अभय वर्तक ने रखी।
पाकिस्तान से आए आतंकवादी अजमल कसाब को आतंकवाद की घटना में वकील प्रदान किया गया, लेकिन इन गरीब हिंदू युवकों को वकील की सुविधा दिए बिना जेल में सड़ाने का प्रयास आधुनिकतावादीओं द्वारा किया जा रहा था। एक ओर न्याय की मांग करने वाला पानसरे परिवार, इस मुकदमे को आगे न बढाने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर इसे लटकाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन आज, छह वर्षों के प्रतिक्षा के बाद, इन सभी हिंदुत्वनिष्ठों को जमानत मिली है, जिसके लिए हम ईश्वर के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, ऐसा श्री. अभय वर्तक ने कहा।
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