पंजाब का 23वां जिला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की राजसत्ता की परिणति है या रजवाड़ा सत्ता का यह अब तक विवाद से दरकिनार है। लेकिन मुस्लिम बहुल क्षेत्र को नया जिला घोषित करने का उनका काम बड़े झाम में फंस गया है। इसको लेकर घोषणा के बाद ही विरोध के स्वर गुंजित होने लगे थे। अब उसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की टिप्पणी ने नया रंग दे दिया है।
वैसे, योगी जी ने जो कहा है उससे किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए थी। लेकिन कैप्टन साहब तो रजवाड़े परिवार से हैं सो उन्हें बुरी लग गई। आखिर एक राजा किसी योगी की बात कैसे सुनकर शांत रह सकता है, सो कैप्टन साहब ने पलटवार कर दिया। लेकिन यह समझना आवश्यक है कि आखिर योगी ने ऐसा कहा क्या?
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मत और मजहब के आधार पर किसी प्रकार का विभेद भारत के संविधान की मूल भावना के विपरीत है।
इस समय, मलेरकोटला (पंजाब) का गठन किया जाना कांग्रेस की विभाजनकारी नीति का परिचायक है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) May 15, 2021
छिड़ गया द्वंद
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने ट्वीटर संदेश में स्पष्ट कहा है कि मत और मजहब के आधार पर किसी प्रकार का विभेद संविधान की मूल भावना के विपरीत है। मलेरकोटला का गठन कांग्रेस की विभाजनकारी नीति का परिचायक है। उनकी यह बात पंजाब के सीएम को लग गई और उन्होंने पलटवार कर दिया।
Shameless bid to incite communal disharmony in Punjab, says Punjab CM @capt_amarinder Singh on UP CM @myogiadityanath’s Malerkotla tweet. Captain asks Yogi to stay out of Punjab’s affairs & focus on protecting his own people in UP.
— CMO Punjab (@CMOPb) May 15, 2021
पंजाब के सीएम ने योगी आदित्यनाथ पर पंजाब में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का शर्मनाक प्रयत्न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने योगी को अपने राज्य को संभालने की हिदायत दे दी है। उन्होंने आगे कहा कि, पंजाब में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव हैं। इसके पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री दो समुदायों के बीच असामंजस्य फैलाने का प्रयत्न कर रहे हैं। लगता है वे यह भूल गए हैं कि इसी समय उत्तर प्रदेश में चुनाव होने हैं और पंचायत चुनाव के परिणाम भाजपा के लिए चौंकानेवाले हैं।
राजा चले गए पर रजवाड़ी शान रह गई
नए जिले की घोषणा पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने बचपन की राजशाही के दिनों को याद करने लगे। वे खुद पटियाला राजपरिवार से हैं। ईद उल फित्र के दिन मलेरकोटला की घोषणा के अवसर पर उन्होंने मलेरकोटला के नवाब के विषय में बताया कि वे उन्हें चाचा जी कहते थे और नवाब उन्हें भतीजा कहते थे। वे बोले कि सिख समुदाय के लोग मलेरकोटला के पूर्व नवाब शेर मोहम्मद खान का बड़ा सम्मान करते थे। नवाब ने सिरहिंड के तत्कालीन गवर्नर वजीर खान का विरोध किया था। उन्होंने गुरु गोविंद सिंह के पुत्र बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह को ईंटों में चुनवाने का विरोध किया था।
कैप्टन साहब की यह घोषणा सियासत और रजवाड़ों की शान के बीच की बात कह गई जिसके कारण पंजाब में खुद उन्हीं के पार्टी के लोग दबी जुबान में मनमानी कह रहे हैं। इन नेताओं का आरोप है कि यह पार्टी को पीछे रखकर खुद अधिक श्रेय लेने की कोशिश है, लेकिन राजा साहब के सामने बोले कौन?
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