Maharashtra: शिवसेना प्रमुख (Shiv Sena chief) बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) का एक बड़ा स्मारक दादर पश्चिम (Dadar West) में बनाया जा रहा है। इसका पहला चरण अभी पूरा हुआ है। इस स्मारक के बारे में जानकारी सभी तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए उबाठा नेता (UBT leader) और विधायक और शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे (Aaditya Thackeray) के पोते आदित्य ठाकरे ने एक सूचनात्मक ऑडियो-वीडियो क्लिप जारी किया।
जब से यह वीडियो जारी हुआ है, इसने सियासी भूचाल ला दिया है क्योंकी यह वीडियो क्लिप अंग्रेजी में बनाई गई है, इसलिए इस बात की आलोचना हो रही है कि शिवसेना प्रमुख के पोते आदित्य ठाकरे, जो मराठी भाषी रहे हैं और जीवन भर मराठी भाषा के पक्षधर रहे हैं, उन्होंने सूचनात्मक ऑडियो-वीडियो क्लिप के लिए अंग्रेजी भाषा को चुना। इसी पर आदित्य ठाकरे से यह सवाल हो रहा है की क्या वह मराठी भूल गए हैं?
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क्या है यह समारक?
इस स्मारक का निर्माण कार्य वर्तमान में पूरी गति से चल रहा है। यह स्मारक एक सूचनाप्रद स्मारक होगा, जिसमें शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की सम्पूर्ण जीवन गाथा बताया जाएगा। इसलिए, कई लोगों में इस स्मारक के बारे में जिज्ञासा है। हाल ही में, उबाठा पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने स्मारक (बालासाहेब ठाकरे राष्ट्रीय स्मारक) का निरीक्षण किया और स्मारक के पहले चरण में पूरे हुए कार्यों का जायजा लिया। तब से यह स्मारक और भी विवादास्पद हो गया है। अब, एक वीडियो और ऑडियो क्लिप बनाई गई है जो इस स्मारक के डिजाइन और निर्माण के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करती है, लेकिन यह अंग्रेजी में है, जिससे एक नया विवाद पैदा हो गया है। इस बात की आलोचना की जा रही है कि शिवसेना प्रमुख के पोते मराठी भाषा भूल गए हैं।
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उबाठा का पक्ष
हालांकि, उबाठा नेता सचिन अहीर ने आदित्य ठाकरे का बचाव किया। यह स्मारक (बालासाहेब ठाकरे राष्ट्रीय स्मारक) अब अंतरराष्ट्रीय स्तर का हो गया है, इसलिए इसका सभी तक पहुंचना जरूरी है। सचिन अहीर ने कहा, इसलिए जानकारी अंग्रेजी में दी गई है, इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
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