चक्रवाती तूफान ताऊ ते लगातार आगे बढ़ रहा है। इसके कारण दक्षिण पश्चिम तटीय क्षेत्र में मौसम बादलों वाला बना रहा। इसको लेकर प्रधानमंत्री ने संबंधित राज्यों और सुरक्षा व राहत एजेंसियों के साथ बैठक की।
भारतीय मौसम विभाग ने केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाकों के लिए चेतावनी जारी किया है। इस दौरान तेज हवाएं और कई स्थानों पर तेज बारिश भी हो सकती है।
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महाराष्ट्र में सुरक्षा इंतजाम
राज्य के रायगढ़, सिंधुदुर्ग, मुंबई और पालघर में ताउ का प्रभाव छोड़ पड़ सकता है। इस दौरान हवा की गति 60 से 80 किलोमीटर प्रतिघंटे की बीच रह सकती है। मुंबई और ठाणे के लिए मौसम विभाग ने यलो एलर्ट जारी किया है।
- मुंबई मनपा ने की आपात बैठक, परिस्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा इंतजाम पर चर्चा
- खतरनाक होर्डिंग हटाने का आदेश
- बिजली कंपनियों को एलर्ट किया गया
- 580 कोविड मरीजों को स्थानांतरित किया गया, बीकेसी, दहिसर और मुलुंड में भर्ती संक्रमितों को अन्य अस्पतालों में भर्ती किया गया है।
इसे मराठी में पढ़ें – रविवारी वाऱ्याचा वेग ताशी ६० ते ८० किलोमीटर!
तौक्ते चक्रीवादळाच्या पार्श्वभूमीवर खबरदारी
दहिसर, बीकेसी, मुलूंड जंबो कोविड सेंटर मिळून
एकूण ५८० रुग्णांचे रात्रीच करणार स्थलांतर pic.twitter.com/DF2ffnih9e— माझी Mumbai, आपली BMC (@mybmc) May 15, 2021
गुजरात में भी एलर्ट
ताउ ते 18 तारीख को गुजरात के पोरबंदर और नलिया के बीच के समुद्री किनारे पहुंचेगा। इस बीच वहां बहुत तेज वर्षा हो सकती है। इससे सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित रहेगा। तूफान के प्रभाव से समुद्र में 2 से 3 मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं।
मध्य प्रदेश ने इस बीच गुजरात जानेवाली कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है। यह निर्णय सुरक्षा को देखते हुए लिया गया है।
Reviewed preparedness on Cyclone Tauktae including ensuring essential supplies, continuing the COVID-19 fight and more. Praying for everyone’s safety and well-being. https://t.co/u5TShCdeC1
— Narendra Modi (@narendramodi) May 15, 2021
गृह मंत्रालय पहले से ही तैयार
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी प्रभावित राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक की है। जिसमें सुरक्षा और राहत कार्य की तैयारियों की समीक्षा की गई।
- केंद्रीय गृहमंत्रालय ने सभी प्रभावित राज्यों के एसडीआरएफ की पहली किस्त जारी की
- एनडीआरएफ की 42 टीमें छह राज्यों में तैनात, 26 टीमें स्टैंपबाय पर
- थल सेना और वायु सेना तैयार
- विद्युत कंपनियां तत्काल मरम्मत के लिए तैयार