Assam: असम में पुलिस ने करीब 170 बीघे में फैली अफीम की खेती (opium cultivation) को नष्ट किया, जिसकी अनुमानित कीमत 27 करोड़ रुपये (Rs 27 crore) थी। इस कार्रवाई की जानकारी ग्वालपाड़ा पुलिस (Goalpara Police) और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने दी। इसके साथ ही, असम राइफल्स ने मणिपुर में भारत-म्यांमार सीमा पर स्थानीय पुलिस के सहयोग से लगभग 50 बीघा (30 एकड़) अवैध अफीम की खेती को नष्ट किया।
सीएम सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा, “प्रिय स्थानीय पाब्लो एस्कोबार्स (कोलंबिया के कुख्यात ड्रग माफिया), असम की पुलिस ने आपकी योजनाओं को ध्वस्त कर दिया है। ग्वालपाड़ा पुलिस ने जनवरी में 170 बीघा अफीम की खेती नष्ट की, जो ₹27.20 करोड़ मूल्य की थी। अगली बार जब आप ड्रग्स के बारे में सोचें, तो असम पुलिस के बारे में जरूर सोचें।”
Dear Local Pablo Escobars,
Sorry to spoil your planned Udta Assam party!
Because @Goalpara_Police destroyed 170 Bighas of poppy cultivation in the Char areas worth ₹27.20 crore in January.
So next time you think of drugs, think of @assampolice first.#AssamAgainstDrugs pic.twitter.com/JPt9IoxsKJ
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) February 2, 2025
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नशीली दवाओं के खिलाफ कार्रवाई
ग्वालपाड़ा पुलिस ने ट्वीट किया, “नशीली दवाओं के खिलाफ हमारी कार्रवाई जारी है। चुनारी थाने के अंतर्गत सीतलमारी चार में 100 बीघा भूमि पर अफीम की खेती नष्ट की गई। इस अभियान का नेतृत्व एएसपी (मुख्यालय) जीएलपी और ओसी एलपीआर पीएस ने किया, और इसमें अन्य अधिकारी भी शामिल थे।” इससे पहले, 30 जनवरी 2025 को ग्वालपाड़ा पुलिस ने सोनारी सर में 40 बीघे में अफीम की खेती को नष्ट किया था। ग्वालपाड़ा प्रशासन ने 2021 और 2023 में शियालमारी क्षेत्र में भी बड़ी मात्रा में अफीम की खेती को नष्ट किया था।
Continuing with our drive against drug’s, Illegal poppy cultivation on 100 bigha land at Sitalmari Char under Chunari PS have been destroyed by Goalpara Police Team led by ASP(HQ) GLP & OC LPR PS in the presence of CO Lakhipur, Excise Inspector and other officials.@assampolice pic.twitter.com/4TzlcpvqY6
— Goalpara Police (@Goalpara_Police) January 31, 2025
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दुर्गम इलाकों में अफीम की खेती
सूत्रों के मुताबिक, राज्य के बाहर के एक गिरोह ने असम के दुर्गम इलाकों में अफीम की खेती करने के लिए स्थानीय निवासियों का सहयोग लिया है। यह गिरोह स्थानीय लोगों को अफीम के बीज और अन्य सामग्री मुहैया कराता है। सर के इलाकों में रहने वाले कई लोग अफीम की असल पहचान नहीं जानते और कुछ नेता इसका लाभ उठाकर उन्हें मजदूरों के रूप में काम में लगाते हैं। स्थानीय निवासी अशरफ अली ने बताया, “लोगों को लगता है कि यह फूलों की खेती है। कुछ नेता इसका फायदा उठाकर स्थानीय लोगों को काम पर लगाते हैं। यदि प्रशासन बाहरी गिरोह और उनके साथ काम करने वालों पर नजर रखे, तो उनके ठिकाने आसानी से पकड़े जा सकते हैं।”
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