गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) ने बेट-द्वारका द्वीप (Bet Dwarka Island) पर राज्य सरकार द्वारा अनाधिकृत अवैध अतिक्रमणों (Unauthorised Illegal Encroachments) को ध्वस्त करने के खिलाफ बेट भदेला मुस्लिम जमात ट्रस्ट (Bet Bhadela Muslim Jamat Trust) द्वारा दायर सभी याचिकाओं (Petition) को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति मौना भट्ट ने फैसले में कहा कि याचिकाएं बिना योग्यता के हैं और किसी भी विचार की मांग नहीं करती हैं। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में पहले दी गई अंतरिम राहत को भी रद्द कर दिया।
मिली जानकारी के अनुसार, वक्फ के नाम पर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करके कुल 12 अवैध धार्मिक अतिक्रमण किए गए थे। हाईकोर्ट के फैसले के बाद प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बता दें कि पिछले कुछ महीनों से बेट द्वारका में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करके बनाई गई इमारतों पर लगातार बुलडोजर चल रहा है। अब तक सरकार ने एक बड़े इलाके को अवैध अतिक्रमण से मुक्त करा लिया है।
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एक बार फिर बुलडोजर चलना शुरू
बालापार गांव में समुद्र किनारे कब्रिस्तान की जमीन पर कुल 12 अवैध धार्मिक अतिक्रमण किए गए थे। बेट-द्वारका में सरकार के अभियान को रोकने के लिए गुजरात उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर की गईं। इन याचिकाओं में प्रशासन द्वारा सरकारी जमीन पर स्थित दरगाहों और मस्जिदों को गिराए जाने को चुनौती दी गई थी। उच्च न्यायालय ने इन सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसके बाद बेट-द्वारका में सरकारी जमीन पर स्थित मस्जिदों और दरगाहों पर एक बार फिर बुलडोजर चलना शुरू हो गया। इन इमारतों पर बुलडोजर चलने के वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें दिखाया गया है कि किस तरह से जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया जा रहा है।
सात द्वीपों पर चला बुलडोजर
द्वारका के आसपास के सात द्वीपों पर विधर्मियों ने मस्जिद और अन्य धार्मिक संरचनाओं का निर्माण करके सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया था। प्रशासन ने इन सभी द्वीपों पर अवैध निर्माणों को हटाने के लिए बुलडोजर चलाया था, जिनमें खारा चूषणा, मीठा चूषणा, अशबा, धोरियो, ढाबरबो, समयानी और भाईदर शामिल हैं।
देखें यह वीडियो –
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