Income Tax Bill: RBI के बोर्ड के साथ वित्त मंत्री सीतारमण की अहम बैठक, जानें क्या हुई चर्चा

इस बैठक में वित्त मंत्री ने भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड के सदस्यों को संबोधित किया और उन्हें बजट में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी।

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Income Tax Bill: इस सप्ताह संसद में एक नया आयकर विधेयक (New Income Tax Bill) पेश किया जाएगा। इस पृष्ठभूमि में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के केंद्रीय बोर्ड के साथ बैठक की। इसमें उन्होंने आम बजट 2025-26 (General Budget 2025-26) में प्रमुख प्रस्तावों के बारे में बात की, जिसमें आयकर में दी जाने वाली राहतें शामिल हैं। इस बैठक में आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। वित्त मंत्री ने बैंक बोर्ड को नये आयकर विधेयक के बारे में भी जानकारी दी।

इस बैठक में वित्त मंत्री ने भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड के सदस्यों को संबोधित किया और उन्हें बजट में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। इस बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा, निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मीडिया के सवालों के जवाब दिए।

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75,000 रुपये की मानक कटौती
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि रेपो रेट में कटौती से विकास और खपत को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम भारत को निवेशकों और व्यापार के लिए अधिक अनुकूल बनाना चाहते हैं। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि नया आयकर विधेयक अगले सप्ताह लोकसभा में पेश किया जाएगा। 1 फरवरी को पेश बजट में आयकर पर बड़ी राहत दी गई। नई कर व्यवस्था के अनुसार अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए यह छूट 75,000 रुपये की मानक कटौती के साथ बढ़कर 12.75 लाख रुपये हो जाएगी। नई कर प्रणाली के स्लैब में भी बदलाव किए गए हैं। पुरानी कर प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

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  • किराये की आय पर टीडीएस छूट दोगुनी हुई: किराये की आय पर टीडीएस सीमा 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी गई है। इसका मतलब यह है कि अब 6 लाख रुपये तक के वार्षिक किराये पर टीडीएस नहीं काटा जाएगा।
  • वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय पर दोगुनी छूट: वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैंकों और डाकघरों से प्राप्त ब्याज आय पर कर छूट 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। इसका मतलब यह है कि अब वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज आय पर 1 लाख रुपये तक की कटौती मिलेगी।
  • पिछले 4 साल का रिटर्न दाखिल कर सकेंगे: पुराने आयकर रिटर्न दाखिल करने की सीमा 2 साल से बढ़ाकर 4 साल कर दी गई है। यानी अगर किसी करदाता ने अपना रिटर्न गलत दाखिल कर दिया है या दाखिल करना भूल गया है, तो वह अब 4 साल के भीतर अपडेट रिटर्न दाखिल करके गलती को सुधार सकता है।
  • एक मकान होने का लाभ दो मकानों पर मिलेगा: बजट में मकान होने पर कर में छूट का प्रावधान किया गया है। इसका मतलब यह है कि यदि आपके पास दो घर हैं और आप दोनों में रहते हैं, तो अब आप दोनों संपत्तियों पर कर छूट प्राप्त कर सकते हैं। इससे पहले, कर छूट केवल अपने घर के लिए ही उपलब्ध थी।
  • अगले सप्ताह आएगा नया आयकर विधेयक: सरकार अगले सप्ताह नया आयकर विधेयक लाने जा रही है। इससे कर प्रणाली सरल और अधिक पारदर्शी हो जाएगी। इसका उद्देश्य करदाताओं को अनावश्यक नोटिस और परेशानियों से बचाना है। इसके साथ ही केवाईसी प्रक्रिया भी सरल हो जाएगी, जिससे बैंकिंग और अन्य वित्तीय मामलों में कागजी कार्रवाई का झंझट कम हो जाएगा।
  • अगर आपके पास पैन नंबर नहीं है तो आपसे अधिक टैक्स लिया जाएगा: टीडीएस और टीसीएस का इस्तेमाल आमतौर पर सामान बेचते समय किया जाता है। इससे ग्राहकों और दुकानदारों दोनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वित्त मंत्री ने इसमें से टीसीएस हटाने की घोषणा की है। यह भी कहा गया है कि केवल उन मामलों में उच्च दर से टीडीएस वसूला जाएगा जहां पैन नंबर उपलब्ध नहीं है।
  • विदेश में शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक की धनराशि भेजने पर कोई कर नहीं: विदेश में शिक्षा के लिए धनराशि भेजने पर स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) की सीमा अब बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है। अब कोई व्यक्ति विदेश में पैसा भेजता है। यदि यह राशि 7 लाख रुपये से अधिक है तो इस पर टीसीएस लगाया जाएगा। हालाँकि, यह छूट आपको तभी मिलेगी जब यह पैसा किसी वित्तीय संस्थान जैसे बैंक आदि से उधार लिया गया हो।
  • एनएसएस से निकासी पर छूट: कई वरिष्ठ नागरिकों के पास बहुत पुराने राष्ट्रीय बचत योजना (एनएसएस) खाते हैं, जिन पर कोई ब्याज नहीं मिलता है। वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि 29 अगस्त 2024 को या उसके बाद एनएसएस से पैसा निकालने वालों को निकासी पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। यही नियम एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन योजना) वात्सल्य खातों पर भी लागू होगा, लेकिन इसकी छूट की एक सीमा होगी। लगभग 5 वर्षों के बाद, 7 फरवरी को भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दरें 6.5% से घटाकर 6.25% कर दीं। अब आपके सभी लोन सस्ते हो जाएंगे और EMI भी कम हो जाएगी। रेपो दर कम होने के बाद बैंक आवास और ऑटो जैसे ऋणों पर ब्याज दरें भी कम कर सकते हैं। यदि ब्याज दरें गिरेंगी तो आवास की मांग बढ़ेगी। अधिक लोग रियल एस्टेट में निवेश कर सकेंगे।

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