AI Action Summit: प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस में की एआई की सराहना, जोखिम को लेकर कही ये बात

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एआई अभूतपूर्व पैमाने और गति से विकसित हो रहा है और इसे और भी तेजी से अपनाया और लागू किया जा रहा है। सीमाओं के पार भी गहरी निर्भरता है।

71

AI Action Summit:  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने 11 फरवरी को पेरिस(Paris) में एआई एक्शन शिखर सम्मेलन(AI Action Summit) को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अपने अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने के लिए तैयार है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि एआई (Artificial Intelligence) का भविष्य सभी के लिए अच्छा हो।

साझा मूल्यों को बनाए रखना जरुरी
प्रधानमंत्री ने कहा कि एआई अभूतपूर्व पैमाने और गति से विकसित हो रहा है और इसे और भी तेजी से अपनाया और लागू किया जा रहा है। सीमाओं के पार भी गहरी निर्भरता है। इसलिए, शासन और मानकों को स्थापित करने के लिए सामूहिक वैश्विक प्रयासों की आवश्यकता है, जो हमारे साझा मूल्यों को बनाए रखें, जोखिमों को संबोधित करें और विश्वास का निर्माण करें। उन्होंने कहा कि भारत ने बहुत कम लागत पर 1.4 बिलियन से अधिक लोगों के लिए सफलतापूर्वक डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना का निर्माण किया है। यह एक खुले और सुलभ नेटवर्क के इर्द-गिर्द निर्मित है। इसमें हमारी अर्थव्यवस्था को आधुनिक बनाने, शासन में सुधार करने और हमारे लोगों के जीवन को बदलने के लिए नियम और अनुप्रयोगों की विस्तृत शृंखला है।

Parliament Budget Session: संस्कृत सहित 6 नई भाषाओं में अनुवाद होगा उपलब्ध, ओम बिरला का ऐलान

एआई की सराहना
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत एआई को अपनाने के साथ-साथ डेटा गोपनीयता में तकनीकी-कानूनी आधार में भी अग्रणी है। एआई स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और अन्य क्षेत्रों में सुधार लाकर लाखों लोगों के जीवन को बदलने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि शासन का मतलब सिर्फ मतभेदों और प्रतिद्वंद्विता को संभालना नहीं है। इसका मतलब नवाचार को बढ़ावा देना और वैश्विक भलाई के लिए इसका इस्तेमाल करना भी है। इसलिए हमें नवाचार और शासन के बारे में गहराई से सोचना चाहिए और खुलकर चर्चा करनी चाहिए। शासन का मतलब सभी के लिए पहुंच सुनिश्चित करना भी है, खासकर वैश्विक दक्षिण में। एआई स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और बहुत कुछ बेहतर करके लाखों लोगों के जीवन को बदलने में मदद कर सकता है। हमें साइबर सुरक्षा, गलत सूचना और डीपफेक से जुड़ी चिंताओं का समाधान करना चाहिए। हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि तकनीक स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र में निहित हो ताकि यह प्रभावी और उपयोगी हो।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.