AI: साइबर अपराध रोकने के लिए एआई का इस्तेमाल, अमित शाह ने दी सरकार की योजना की जानकारी

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आई4सी पोर्टल पर कुल 1 लाख 43 हजार एफआईआर दर्ज की गई हैं और 19 करोड़ से अधिक लोगों ने इस पोर्टल का उपयोग किया है।

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AI: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार साइबर अपराध को रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल कर म्यूल अकाउंट्स की पहचान करने की योजना बना रही है।

गृहमंत्री शाह ने 11 फरवरी को नई दिल्ली में ‘साइबर सुरक्षा एवं साइबर अपराध’ विषय पर गृह मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में अमित शाह ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग और रिज़र्व बैंक तथा अन्य सभी बैंकों के साथ समन्वय से म्यूल अकाउंट्स की पहचान की व्यवस्था बनाने के लिए प्रयास जारी है। म्यूल अकाउंट को ऑपरेट होने से पहले ही बंद करने की व्यवस्था भी की जाएगी। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि लोगों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘रुकें, सोचें और फिर कार्रवाई करें’ के मंत्र के बारे में जानकारी देकर उन्हें साइबर अपराधों के प्रति सतर्क किया जा सके।

आई4सी पोर्टल पर कुल 1 लाख 43 हजार एफआईआर दर्ज
गृहमंत्री ने कहा कि आई4सी पोर्टल पर कुल 1 लाख 43 हजार एफआईआर दर्ज की गई हैं और 19 करोड़ से अधिक लोगों ने इस पोर्टल का उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से 805 ‘ऐप्स’ और 3266 वेबसाइट-लिंक को आई4सी की सिफारिश पर ब्लॉक किया गया है। इसके अलावा 399 बैंक और वित्तीय मध्यस्थ ऑनबोर्ड हो चुके हैं। साथ ही 6 लाख से अधिक संदिग्ध डेटा साझा किया गया, 19 लाख से अधिक म्यूल खाते पकड़े गए और 2038 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन रोके गए हैं।उल्लेखनीय है कि म्यूल अकाउंट- धोखाधड़ी के जरिए कमाए गए पैसे को ठिकाने लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला बैंक खाते को कहते हैं।

 भारत डिजिटल परिदृश्य के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश
अमित शाह ने कहा कि आज भारत दुनिया में डिजिटल परिदृश्य के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। भारत की कुल अर्थव्यवस्था में डिजिटल अर्थव्यवस्था का योगदान 20 प्रतिशत है। गृह मंत्रालय का लक्ष्य साइबर अपराध के मामलों और उनकी एफआईआर को शून्य करना है। साइबर अपराध से निपटने के लिए हमने चार प्रकार की रणनीति अपनाई है, जिसमें अभिसरण, समन्वय, संचार और क्षमता शामिल है। इन सभी को स्पष्ट उद्देश्यों और रणनीतिक दृष्टिकोण के साथ लागू किया जा रहा है। गृह मंत्रालय के भीतर अंतर-मंत्रालयी और अंतर-विभागीय समन्वय को मजबूत किया गया है, जिससे निर्बाध संचार और सूचना का सुचारू प्रवाह सुनिश्चित हुआ है।

जनता के बीच जागरुकता बढ़ाना जरुरी
शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, सीईआरटी-आईएन, आई4सी और दूरसंचार और बैंकिंग जैसे विभागों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान की स्वस्थ परंपरा के कारण कई साइबर अपराध मामलों से सफलतापूर्वक निपटने में मदद मिली है। गृहमंत्री ने साइबर अपराध को रोकने के लिए जनता के बीच जागरुकता बढ़ाने के महत्व पर बल दिया और समिति के सभी सदस्यों से आई4सी हेल्पलाइन नंबर 1930 का प्रचार करने का अनुरोध किया। साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के मद्देनजर, ‘1930’ हेल्पलाइन कार्ड ब्लॉक करने जैसी विभिन्न सेवाओं की पेशकश करते हुए एक-बिंदु समाधान प्रदान करती है।

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33 राज्यों में साइबर अपराध फोरेंसिक प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित
अमित शाह ने कहा कि 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में साइबर अपराध फोरेंसिक प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। साइट्रेन प्लेटफॉर्म, जो कि एक मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (एमओओसी) प्लेटफॉर्म है, पर 101,561 पुलिस अधिकारियों ने पंजीकरण कराया है और 78,000 से अधिक प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं।

बैठक में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय एवं बंदी संजय कुमार, समिति के सदस्य, केंद्रीय गृह सचिव और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

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