GBS outbreak: गिलियन-बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barre Syndrome) से जुड़ी ताजा घटना में बुधवार को मुंबई (Mumbai) में 53 वर्षीय मरीज की मौत (53-year-old patient dies) हो गई। इंडिया टीवी के रिपोर्ट के मुताबिक मृतक मुंबई के वडाला इलाके का रहने वाला था और बीएमसी के बीएन देसाई अस्पताल में बतौर अस्पताल अटेंडेंट काम करता था।
उसे मुंबई के नायर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार नायर लंबे समय से दुर्लभ न्यूरो डिसऑर्डर से पीड़ित था।
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नाबालिग लड़की भी भर्ती
इसके अलावा नायर अस्पताल में एक नाबालिग लड़की भी भर्ती थी, जो जीबीएस संक्रमण से पीड़ित थी। लड़की पालघर की रहने वाली है और 10वीं की छात्रा है। इससे पहले मंगलवार को पुणे में जीबीएस के पांच संदिग्ध और पुष्ट मामले सामने आए थे, जिससे संदिग्ध मरीजों की कुल संख्या 197 हो गई। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पुणे में दुर्लभ तंत्रिका रोग के पांच मरीजों में दो नए मामले और तीन पिछले दिनों के मामले शामिल हैं।
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50 आईसीयू में और 20 वेंटिलेटर सपोर्ट
स्वास्थ्य विभाग ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा, “197 मामलों में से 172 में जीबीएस का निदान किया गया है। कम से कम 40 मरीज पुणे नगर निगम क्षेत्रों से हैं, 92 पीएमसी में नए जोड़े गए गांवों से, 29 पिंपरी चिंचवाड़ नागरिक सीमा से, 28 पुणे ग्रामीण से और आठ अन्य जिलों से हैं। जबकि 104 रोगियों को छुट्टी दे दी गई है, 50 आईसीयू में और 20 वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।”
संवेदना का नुकसान
बयान में आगे कहा गया है कि क्षेत्र में जीबीएस के कारण होने वाली संदिग्ध मौतों की संख्या सात पर अपरिवर्तित रही। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि जीबीएस एक दुर्लभ स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली परिधीय तंत्रिकाओं पर हमला करती है, जिसके परिणामस्वरूप मांसपेशियों में कमजोरी, पैरों और/या बाहों में संवेदना का नुकसान होता है, साथ ही निगलने या सांस लेने में समस्या होती है।
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