Parliament Budget Session: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 13 फरवरी (गुरुवार) को लोकसभा (Lok Sabha) में नया आयकर विधेयक (New Income Tax Bill) पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य देश के कर ढांचे में संभावित बदलाव लाने के लिए मौजूदा आयकर कानूनों को समेकित और संशोधित करना है।
प्रस्तावित कानून से कर विनियमनों को सुव्यवस्थित करने, अनुपालन बढ़ाने और संभवतः विकसित आर्थिक नीतियों के अनुरूप नए प्रावधान पेश करने की उम्मीद है। यह कदम कराधान प्रणाली को आधुनिक और सरल बनाने के सरकार के व्यापक प्रयासों के हिस्से के रूप में उठाया गया है।
FM Nirmala Sitharaman introduces The Income-Tax Bill, 2025 in Lok Sabha@nsitharaman @FinMinIndia @ombirlakota @LokSabhaSectt pic.twitter.com/Ic6CMKZptX
— SansadTV (@sansad_tv) February 13, 2025
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आयकर अधिनियम 1961
नया आयकर विधेयक छह दशक पुराने आयकर अधिनियम 1961 की जगह लेगा। आयकर विधेयक, 2025 में 536 धाराएँ हैं, जो मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 की 298 धाराओं से ज़्यादा हैं। मौजूदा कानून में 14 अनुसूचियाँ हैं, जो नए कानून में बढ़कर 16 हो जाएँगी। हालाँकि, अध्यायों की संख्या 23 पर ही बनी हुई है। पृष्ठों की संख्या में काफ़ी कमी करके 622 कर दी गई है, जो मौजूदा विशाल अधिनियम का लगभग आधा है, जिसमें पिछले छह दशकों में किए गए संशोधन शामिल हैं। जब आयकर अधिनियम, 1961 लाया गया था, तब इसमें 880 पृष्ठ थे।
‘कर वर्ष’ शब्द का इस्तेमाल
प्रस्तावित कानून में ‘पिछले वर्ष’ शब्द की जगह ‘कर वर्ष’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही, कर निर्धारण वर्ष की अवधारणा को भी समाप्त कर दिया गया है। वर्तमान में, पिछले वर्ष (मान लें 2023-24) में अर्जित आय के लिए, कर निर्धारण वर्ष (मान लें 2024-25) में भुगतान किया जाता है। इस विधेयक में पूर्व वर्ष और कर निर्धारण वर्ष की अवधारणा को हटा दिया गया है तथा सरलीकृत विधेयक के तहत केवल कर वर्ष को ही लाया गया है।
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