Waqf Amendment Bill: वक्फ (संशोधन) विधेयक Waqf (Amendment) Bill पर संयुक्त समिति की रिपोर्ट (Joint Committee Report) 13 फरवरी (गुरुवार) को हंगामे के बीच राज्यसभा (Rajya Sabha) और लोकसभा (Lok Sabha) में पेश की गई। गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि विपक्ष के असहमति नोटों को बिना संशोधन के शामिल किए जाने पर भाजपा को कोई आपत्ति नहीं है।
उन्होंने स्पीकर से प्रक्रियाओं के अनुसार निर्णय लेने को कहा। आइए जानते हैं कि पुराने और नए कानून में क्या मुख्य अंतर हैं।
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पुराने और नए कानून के बीच मुख्य अंतर
क्र.सं. |
वक्फ बोर्ड का पुराना कानून |
वक्फ बोर्ड का नया प्रस्तावित विधेयक
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1. |
वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 40, वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति पर दावा करने का अधिकार देती है और उस भूमि का दावेदार केवल न्यायाधिकरण में अपील कर सकता है। |
प्रस्तावित वक्फ (संशोधन) विधेयक, दावेदारों को न्यायाधिकरण के अलावा राजस्व न्यायालय, सिविल न्यायालय या उच्च न्यायालय में अपील करने की अनुमति देता है। |
2. |
वक्फ न्यायाधिकरण का निर्णय अंतिम माना जाता है और इसे किसी अन्य न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती। | संशोधन वक्फ न्यायाधिकरण के निर्णय के विरुद्ध उच्च न्यायालय में अपील करने की अनुमति देता है। |
3. |
यदि किसी भूमि पर मस्जिद है या उसका उपयोग इस्लामी धार्मिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है, तो उसे स्वतः ही वक्फ संपत्ति माना जाता है। | संशोधन में कहा गया है कि भूमि को तब तक वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा जब तक कि वह वक्फ को दान न की गई हो। |
4. |
महिलाओं और अन्य धर्मों के लोगों को वक्फ बोर्ड का सदस्य बनने की अनुमति नहीं है। |
नये संशोधन में वक्फ बोर्ड में दो महिलाओं और अन्य धर्मों के दो सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान है। |
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वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है, ताकि वक्फ संपत्तियों के विनियमन और प्रबंधन में आने वाली समस्याओं और चुनौतियों का समाधान किया जा सके। संशोधन विधेयक भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन में सुधार करना चाहता है। इसका उद्देश्य पिछले अधिनियम की कमियों को दूर करना और अधिनियम का नाम बदलने, वक्फ की परिभाषाओं को अद्यतन करने, पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार करने और वक्फ रिकॉर्ड के प्रबंधन में प्रौद्योगिकी की भूमिका बढ़ाने जैसे बदलाव करके वक्फ बोर्डों की दक्षता बढ़ाना है।
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मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024
मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 का प्राथमिक उद्देश्य मुसलमान वक्फ अधिनियम, 1923 को निरस्त करना है, जो औपनिवेशिक युग का कानून है और आधुनिक भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए पुराना और अपर्याप्त हो गया है। इस निरसन का उद्देश्य वक्फ अधिनियम, 1995 के तहत वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन में एकरूपता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है, जिससे इस निरर्थक कानून के निरंतर अस्तित्व के कारण उत्पन्न विसंगतियों और अस्पष्टताओं को समाप्त किया जा सके।
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वक्फ संपत्तियों के अवैध हस्तांतरण
यह उल्लेख करना उचित है कि 1954 के अधिनियम में 1964, 1969 और 1984 में संशोधन किया गया था। आखिरी संशोधन 2013 में किया गया था, जिसमें वक्फ संपत्तियों के अवैध हस्तांतरण को रोकने और अतिक्रमण हटाने की प्रक्रियाओं को कारगर बनाने के लिए कड़े उपाय शामिल किए गए थे।
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