Bihar: बिहार (Bihar) के जमुई (Jamui) में हनुमान चालीसा का पाठ (recitation of Hanuman Chalisa) करके लौट रहे हिंदुओं पर हमला (attack on Hindus) किया गया। भीड़ ने उनके काफिले को घेर लिया, पत्थरबाजी की और कई वाहनों में तोड़फोड़ की।
हिंदू कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि हमलावर मुस्लिम थे। हिंसा में महिलाएं भी घायल हुईं। घटना के बाद पुलिस अधिकारी पहुंचे और जमुई में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।
STORY | Clash breaks out over religious procession in Bihar, internet services suspended in Jamui
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— Press Trust of India (@PTI_News) February 17, 2025
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कब हुआ हमला?
ऑप इंडिया में छपे खबर के अनुसार अधिकारियों ने हमले के सिलसिले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रविवार, 16 फरवरी, 2025 को हिंदू स्वाभिमान संगठन के कार्यकर्ता हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए जमुई के बलियाडीह गांव में एकत्र हुए थे। जब वे लौट रहे थे, तो एक मस्जिद के पास भीड़ ने उनके वाहनों पर हमला कर दिया। हमला उस समय हुआ जब काफिला मुस्लिम बहुल इलाके से गुजर रहा था। भीड़ ने वाहनों के शीशे तोड़ दिए और पत्थरबाजी की। हिंदू स्वाभिमान के जिला अध्यक्ष नीतीश कुमार और कार्यकर्ता खुशबू पांडे समेत कई कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए।
जमुई जिला के झाझा थाना अंतर्गत ग्राम बलियाडीह में घटित घटना के संबंध में ।#jamuipolice#BiharPolice pic.twitter.com/ySlRUZgnbs
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300-400 लोगों ने हमला किया
न्यूज18 बिहार के मुताबिक, हमले के दौरान महिलाएं और बच्चे भी मौजूद थे। एक घायल कार्यकर्ता ने बताया, “हम हनुमान चालीसा का पाठ करके लौट रहे थे, तभी अचानक 300-400 लोगों ने हम पर हमला कर दिया।” एक अन्य कार्यकर्ता ने बताया कि मुस्लिम इलाके से गुजरते समय उन पर बिना किसी उकसावे के पत्थर फेंके गए और उनके वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। हमले में घायल खुशबू पांडे ने बताया, “बलियाडीह गांव के भालेश्वर नाथ मंदिर में हनुमान चालीसा का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। प्रसाद ग्रहण करने के बाद जब हम वापस लौट रहे थे, तो एक मस्जिद के पास अचानक पत्थरबाजी शुरू हो गई। वाहनों में तोड़फोड़ की गई और ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे लगाए गए।”
हिन्दुओं निशाना बनाने की योजना
उन्होंने आगे दावा किया कि कुछ खास लोगों को निशाना बनाने की योजना थी और पुलिस पर हमला करने की भी चर्चा हो रही थी। कई हिंदू कार्यकर्ता कथित तौर पर घंटों तक इलाके में फंसे रहे। घटना के वीडियो, जिसमें पत्थरबाजी दिखाई दे रही है, सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। रिपोर्ट्स बताती हैं कि स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने शुरुआत में स्थिति को ठीक से नहीं संभाला। हालांकि, बाद में अतिरिक्त पुलिस बल व्यवस्था बहाल करने के लिए पहुंचे। अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए जमुई में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।
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एसपी मदन कुमार आनंद ने क्या कहा?
एसपी मदन कुमार आनंद ने इन कार्रवाइयों की पुष्टि करते हुए कहा, “हनुमान चालीसा कार्यक्रम से लौट रहे लोगों के खिलाफ नारे लगाए जाने के बाद, पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित नहीं किया। इसके बजाय, उन्होंने खुद ही स्थिति को संभालने का प्रयास किया और यहां तक कि मार्ग बदलने का सुझाव भी दिया। हमने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है और उन्हें निलंबित कर दिया है।” घटना के संबंध में मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर में आठ लोगों के नाम हैं, जबकि 50 अन्य अज्ञात हैं। कार्रवाई के तहत नौ संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
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