महाराष्ट्र के पुणे के पास स्थित पिंपरी चिंचवड़ में अंतर्राष्ट्रीय चंदन तस्करी का खुलासा हुआ है। यहां की वाकड़ थाने की पुलिस ने इस गिरोह का फंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इनके पास से 6,420 टन रक्त चंदन लदा एक ट्रक,एक कार के साथ ही अन्य सामान और नकदी बरामद की है। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि उनके चार साथी फरार हैं। इनमें से दो दुबई के हैं। फरार आरोपियों में नीलेश विलास धेरंग (उम्र 35, पीपलगांव ,अहमदनगर), एम. ए सलीम (उम्र 43, निवासी, जोग रोड,करगल कॉलोनी,ताल सागर,जिला शिमोगा,कर्नाटक) और विनोद प्रकाश फर्नांडीस (उम्र 45, निवासी नाइक चॉल,काटकरवाड़ी,नौपाड़ा,कलंबोली) शामिल हैं।
गिरफ्तार आरोपियों में जाकिर हुसैन अब्दुल रहमान शेख (50,निवासी एफ-जी-1,चिता गेट,ट्रॉम्बे, मुंबई) व मिंटोभाई उर्फ निर्मलसिंह मंजीत सिंह गिल (36, निवासी कलंबोलीनवी मुंबई) शामिल हैं।
पुलिस आयुक्त ने दी जानकारी
पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश के अनुसार वाकड थाना परिसर में 12 मई को थाने के पुलिसकर्मी वंदु गिरे और राजेंद्र काले गश्त कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने विजन मॉल तथावड़े में एक सफेद मारुति 800 कार देखी। कार में आगे की नंबर प्लेट नहीं थी और पीछे की नंबर प्लेट आंशिक रूप से टूटी हुई थी। कुछ लोगों के कार के पास जमा रहने पर पुलिस को शक हुआ। उन्होंने इनमें से तीन को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इस दौरान तीन आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल हो गए। पकड़े गए तीन आरोपी पहले तो कुछ भी बताने से इनकार करते रहे। लेकिन बाद में नीलेश धेरंग के मोबाइल की जांच करने पर पता चला कि उससे चंदन से भरे ट्रक की फोटो शेयर की गई है।
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बाद में दबोचे गए दो फरार आरोपी
इन आरोपियों ने चंदन के ट्रक को तथावड़े स्थित नीलकमल होटल के सामने खुली जगह में खड़ा कर दिया था। यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस ट्रक के पास पहुंची और उसकी जांच की। ट्रक में पीले स्पंज के नीचे 6,420 टन चंदन की लकड़ियां रखी गई थीं। इसके बाद पुलिस ने नीलेश,सलीम और विनोद को गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद अन्य दो को भी नवी मुंबई से गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के पास से चंदन की लकड़ी के 207 टुकड़े,एक ट्रक,एक कार, दो मोबाइल फोन के साथ ही नकदी भी बरामद की है।
दुबई के रहने वाले हैं दो आरोपी
गिरफ्तार आरोपियों के चार अन्य साथी अभी भी फरार हैं। इनमें से दो दुबई के हैं। इसलिए वाकड पुलिस का मानना है कि इस चंदन तस्करी का अंतरराष्ट्रीय संबंध है। हालांकि अभी तक ये पता नहीं चल सका है कि रक्त चंदन कहां से लाया गया और इसे कहां बेचा जाना था।