Maharashtra: महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के लकड़गंज इलाके से पुलिस ने झारखंड और छत्तीसगढ़ के एक भगोड़े नक्सली कमांडर को गिरफ्तार किया है। वह फर्जी आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर पिछले 23 वर्षों से यवतमाल में ट्रक चालक के रूप में रह रहा था। पुलिस पिछले दो महीने से उस पर कड़ी नजर रख रही थी।
गोपनीय जानकारी के आधार पर कार्रवाई
यवतमाल जिले के पुलिस अधीक्षक कुमार चिंता ने 19 फरवरी को पत्रकारों को बताया कि उनकी टीम को गोपनीय जानकारी मिली थी कि तुलसी उर्फ दिलीप महतो फर्जी आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेज के आधार पर पिछले 23 वर्षों से यवतमाल में ट्रक चालक के रूप में रह रहा था। पुलिस पिछले दो महीने से तुलसी पर कड़ी नजर रख रही थी। तुलसी 1993 में झारखंड में नक्सली समूह में भर्ती हुआ था। 1997 में उन्हें ‘भितिया दलम’ का डिवीजनल कमांडर नियुक्त किया गया। उन्होंने 12 सशस्त्र नक्सलवादियों का नेतृत्व किया। वह कई हिंसक गतिविधियों में शामिल है, जिनमें सुरक्षा बलों पर हमले, जबरन वसूली और सरकारी संपत्ति की तोड़फोड़ शामिल है।
झारखंड में कई गंभीर अपराध दर्ज
पुलिस अधीक्षक चिंता ने बताया कि झारखंड पुलिस के रिकार्ड के अनुसार उसके खिलाफ सात गंभीर अपराध दर्ज हैं। झारखंड के हजारीबाग जिले के पुलिस अधीक्षक ने तुलसी की शिनाख्त कर ली है। कुमार चिंता ने बताया कि पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए तुलसी मुंबई गया था और फिर वहां से यवतमाल जिले में आ गया था। इसके बाद तुलसी अपनी पहचान छिपाने के लिए यवतमाल के लकड़गंज इलाके में आया था। इसके बाद तुलसी ने एक मृत व्यक्ति के आधार कार्ड पर अपनी तस्वीर लगाकर पहचान पत्र बना लिया। इसी आधार पर तुलसी ने अपना ड्राइविंग लाइसेंस हासिल किया था। इसके बाद तुलसी ने यवतमाल में दूसरी शादी भी की थी, जबकि उसका परिवार झारखंड में था।