Delhi Politics: देश की राजनीति की बदलती गतिशीलता में महिला केंद्रित कल्याणकारी योजनाएं (Women-centric welfare schemes) गेम चेंजर (Game Changer) के रूप में उभर रही हैं । महिला मतदाता चुनावी नतीजे को निर्णायक रूप से प्रभावित कर रही हैं।
सभी राज्यों में राजनीतिक दल मजबूत मतदाता आधार बनाने के लिए ऐसी पहल का लाभ उठा रहे हैं। एक ऐसी रणनीति, जिसने लगातार सत्ता में आने के लिए वोट बैंक में महत्वपूर्ण लाभ दिया है।
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परिणाम को प्रभावित कर रही महिला मतदाता
भाजपा को महिला केन्द्रित कल्याणकारी योजना का लाभ मिला । 27 साल बाद भाजपा दिल्ली की सत्ता में वापस लौटी है। महाराष्ट्र , हरियाणा ,मध्य प्रदेश और झारखंड में हाल ही में हुए चुनाव में इस प्रवृत्ति को रेखांकित किया है । ये साबित हो चुका है कि महिला मतदाता चुनाव परिणाम का आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं । इसके दीर्घकालिक प्रभाव दूरगामी हो सकते हैं । लेकिन इसका प्रभावी अर्थ यह है कि अब महिलाएं अपने आप में एक प्रभावी वोट बैंक हैं। राजनीतिक दलों ने महसूस किया है कि मतदाताओं का यह बड़ा हिस्सा स्थानीय राज्य और यहां तक की राष्ट्रीय चुनाव को अपने पक्ष में करने की क्षमता रखता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों और चुनाव अभियानों में महिला सशक्तिकरण या नारी शक्ति 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही एक केंद्रीय थीम रही है।
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दिल्ली की जीत में महिला मतदाता निर्णायक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद में सबसे पहले नारी शक्ति वंदन अधिनियम को पास करवाया । दिल्ली चुनाव में भाजपा की जीत के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवसर मिल गया की राजनीति में तेजी से महत्वपूर्ण होते जा रहे महिला मतदाता वर्ग से अपना वादा पूरा कर सके। इसलिए भाजपा ने दिल्ली में रेखा गुप्ता के रूप में में महिला मुख्यमंत्री को दिया । हालांकि दिल्ली में पहले तीन महिला मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज,शीला दीक्षित और आदिती मार्लेना बन चुकी हैं।
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पसंद के उम्मीदवारों को वोट देती हैं महिलाएं
मतदान के बाद के अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि महिलाएं अब अपने परिवार के पुरुषों के निर्देशों को स्वीकार नहीं करते हुए अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट दे रही हैं। खास बात यह है कि भाजपा में नेतृत्व की कमान किसी महिला के हाथों में नहीं है। इसके बावजूद महिला नेत्रियों को निरंतर अवसर दिए जा रहे हैं।
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अब भाजपा के साथ महिलाएं
दिल्ली की बात की जाए तो महिला लाभार्थी जो बेहद मजबूती के साथ वर्ष 2015 और वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में केजरीवाल के साथ महिला मतदाता आम आदमी पार्टी के पक्ष में थी । लेकिन 2025 के विधानसभा चुनाव में महिला मतदाताओं ने भाजपा को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
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महाराष्ट्र में लाडली बहन योजना बनी गेम चेंजर
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन की अप्रत्याशित जीत के पीछे सबसे बड़ी वजह महाराष्ट्र में ‘मुख्यमंत्री’-की लाडली बहन योजना रही। महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने वर्ष 2024 में जून महीने में यह योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए दिए जा रहे हैं। महाराष्ट्र में करीब 2 करोड़ लाभार्थी महिलाएं हैं। भाजपा ने मध्य प्रदेश के बाद महाराष्ट्र में यह प्रयोग दोहराया था।
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मध्य प्रदेश में लाडली बहन योजना
भाजपा ने साल 2023 में मध्य प्रदेश में लाडली बहन योजना की शुरुआत की थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तब महिला वोटरों को गोलबंद करने के लिए एक करोड़ से अधिक महिलाओं के बैंक खाते खोले थे। मध्य प्रदेश सरकार ने 23 से लेकर 60 साल तक की उम्र की महिलाओं के खाते में प्रतिमाह 1000 रुपए की राशि ट्रांसफर करना शुरू किया था। हालांकि अब यह राशि राज्य सरकार ने बढ़ा दी है।
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अन्य प्रदेशों में भी महिलाओं ने दिया साथ
भाजपा को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, हरियाणा ,दिल्ली में सत्ता में आने का लाभ मिला है। लोकसभा चुनाव के बाद महंगाई को लेकर किसानों के साथ-साथ आम लोगों में बहुत गुस्सा था । लेकिन भाजपा ने महिला केन्द्रित जनकल्याणकारी योजनाओं को राज्यों में लागू करके जीत की गाथा लिखनी शुरू कर दी । जब महिला मतदाता के खाते में पैसा आता है तो वह सीधा घर में दिखाई देता है । इस कारण चुनाव में महिलाओं का मतदान प्रतिशत बढ़ा है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र की महिलाएं मतदान करने के लिए मतदान केंद्रों पर पहुंच रही हैं । शहर के मध्यम वर्ग और गरीब तबके की महिलाओं को भी पैसा मिला है।
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महाराष्ट्र में भी मिला लाभ
महाराष्ट्र की महायुती सरकार ने तो अभी तक इस योजना के लिए कोई खास मानदंड निर्धारित नहीं किए हैं।
इसका असर यह हुआ कि कई महिलाओं को पहली बार पैसा मिला और लाखों की संख्या में महिलाओं ने पहली बार बैंक खाते खोले। इस योजना से खासकर ग्रामीण इलाकों की महिलाओं के हाथ में पैसा आया जिससे उनमें सशक्तिकरण की भावना पैदा हुई और मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई
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चुनाव में सफलता की गारंटी
कई सालों से राजनीतिक जानकर इस बात पर अफसोस जताते रहे हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं का मतदान प्रतिशत कम रहता है, जबकि मतदाताओं में महिलाओं की संख्या लगभग आधी है । लेकिन महिला केन्द्रित कल्याणकारी योजनाओं ने इस प्रवृत्ति को उलट दिया है । मध्य प्रदेश में भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में लाडली बहन योजना के साथ एक मिसाल कायम की है। जैसा कि विदित है कि मध्य प्रदेश में राज्य विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले शुरू की गई इस योजना के तहत महिलाओं को सीधे नकद धन हस्तांतरण की पेशकश की गई, जिससे उल्लेखनीय मतदाता भागीदारी हुई और भाजपा को भारी जीत मिली। इस सफलता ने दूसरे राज्यों को भी इसी तरह की रणनीति अपनाने के लिए प्रेरित किया। इसमें महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता ,शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और कौशल विकास पर केंद्रित पहल शुरू की गई । ऐसी योजनाओं का जमीनी प्रभाव पड़ा और जीत मिली।
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केंद्र सरकार में भी महिला केंद्रित योजनाओं की लहर
केंद्र में मोदी सरकार ने महिला केंद्रित कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें नमो ड्रोन दीदी योजना नवंबर 2023 में शुरू की गई। इस योजना के तहत कृषि परियोजनाओं के लिए ग्रामीण महिलाओं को ड्रोन पायलट के रूप में सशक्त बनाना है इसके लिए महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता और आधुनिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना है। लखपति दीदी योजना भी लोकप्रिय हो चुकी है ।
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