-मुंबई विशेष संवाददाता
BMC: ठाणे नगर निगम (Thane Municipal Corporation) ने ठाणे नगर निगम मुख्यालय (Thane Municipal Corporation Headquarters) के सामने फेरीवालों के ठेलों के खिलाफ कार्रवाई की है और इन ठेलों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। लेकिन भले ही मुंबई में फेरीवालों को हाथठेले का उपयोग करने पर प्रतिबंध है, फिर भी नगर निगम किसी भी तरह से हाथठेलों को जब्त या नष्ट नहीं किया है। इसलिए यह सवाल उठ रहा है कि मुंबई की सड़कों पर खड़े होकर यातायात में बाधा डालने वाले फेरीवालों के ठेलों के खिलाफ मनपा प्रशासन कब कार्रवाई करेगा?
मुंबई क्षेत्र को फेरीवाला मुक्त बनाने के लिए नगर निगम प्राथमिक स्तर पर 20 स्थानों की पहचान कर वहां मौजूद फेरीवालों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। लेकिन दादर सहित 20 इलाकों में सिर्फ दिखावे की कार्रवाई की जा रही है, लेकिन हकीकत में यह इलाका फेरीवालों से मुक्त नहीं हो पाया है। इसके विपरीत, इन्हीं क्षेत्रों में फेरीवालों की गाड़ियां बढ़ती जा रही हैं। ये हाथठेले सड़क पर बेखौफ भी दिख रहे हैं, कहीं भी खड़े कर दिए जा रहे हैं, जिससे नागरिकों के साथ-साथ वाहन चालकों को भी भारी परेशानी हो रही है।
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मुंबई में ठेलों पर प्रतिबंध
हालांकि नगर निगम प्रशासन ने दावा किया है कि साल की शुरुआत में महज सात दिनों में 544 ठेले जब्त किए गए, लेकिन हकीकत में मुंबई की सड़कों पर अभी भी ठेलों पर फल, सब्जियां और अन्य सामान बेचा जा रहा है। इसके अलावा, चूंकि मेवाड़ (आइसक्रीम) और अन्य ठेले भी सड़कों पर हीं खड़े रहते हैं, इसलिए नागरिक पूछ रहे हैं कि अगर मुंबई में ठेलों पर प्रतिबंध है तो नगर निगम इन ठेलों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है?
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ठेले वापस नहीं किए जाते
फेरीवालों के अनुसार, जब्त किए जाने के बाद ठेले वापस नहीं किए जाते, फेरीवाले नेताओं और नगर निगम अधिकारियों केर बीच संबंध के कारण अच्छे ठेलों पर भी नरमी बरती जाती है। नगर निगम अधिकारी अपने साथ ले जाते हैं और जो ठेले खराब स्थिति में होते हैं, उन्हें तोड़ दिया जाता है। इसलिए इन्हें जब्त कर हाथों-हाथ गोदाम में ले जाने के बजाय जेसीबी या बुलडोजर से मौके पर ही ध्वस्त कर दिया जाना चाहिए। सेवानिवृत्त डिप्टी कमिश्नर देवेन्द्र जैन जब नगर निगम के पी उत्तर संभाग के सहायक कमिश्नर थे, तब उन्होंने संभाग में चार पहिया वाहनों और ठेलों को जब्त करने के बजाय उन्हें एक जगह एकत्र कर बुलडोजर चलाने का प्रयास किया था। ऐसा इन गाड़ियों को छोड़ने या उन्हें बलपूर्वक ले जाने से बचने के लिए किया गया था। लेकिन फेरीवालों का कहना है कि अगर नगर निगम के अधिकारी मौके पर ही ऐसे स्टॉल और चार पहिया ठेले हटा दें, तो मुंबई में एक भी अनधिकृत वाहन या स्टॉल नहीं रहेगा और कोई भी वहां व्यापार करने की हिम्मत नहीं करेगा।
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