Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में प्रशासन ने दो मस्जिदों (two mosques) को हटाने की कार्रवाई (demolition action) की है। मेरठ में दिल्ली रोड पर जहांगीर खान मस्जिद। रैपिड रेल और सड़क चौड़ीकरण परियोजना के तहत 21 फरवरी को देर रात को यह ध्वस्तीकरण कार्य किया गया। यह कार्रवाई प्रशासन और मस्जिद प्रबंधन समिति की सहमति से की गई है।
वहीं, गोरखपुर के घोष कंपनी चौक पर नगर निगम की जमीन पर बनी मस्जिद को अवैध निर्माण घोषित कर दिया गया है। इसलिए 15 दिन के भीतर इस निर्माण को हटाने का अल्टीमेटम दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि मस्जिद का निर्माण बिना स्वीकृत योजना के किया गया था।
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21 फरवरी को नष्ट किया
इस बीच, उत्तर प्रदेश के मेरठ में दिल्ली रोड स्थित जहांगीर खान मस्जिद के प्रशासन ने 21 फरवरी को नष्ट कर दिया गया। यह कार्रवाई रैपिड रेल और सड़क चौड़ीकरण परियोजना के कारण की गई, क्योंकि मस्जिद निर्माण में बाधा बन रही थी। यह कार्रवाई मस्जिद प्रबंधन समिति और प्रशासन के बीच समझौते के बाद की गई। इससे पहले एनसीआरटीसी के अधिकारी और प्रशासन कई दिनों से मस्जिद को हटाने पर चर्चा कर रहे थे। मस्जिद कमेटी ने खुद मस्जिद हटाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद प्रशासन ने रात डेढ़ बजे बुलडोजर से मस्जिद पर कार्रवाई की। कार्यक्रम के दौरान शांत माहौल बनाए रखने के लिए हरे पर्दे लगाए गए थे।
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15 दिन का अल्टीमेटम
किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने तथा यातायात को प्रभावित होने से बचाने के लिए यह अभियान रात में चलाया गया। मस्जिद से धार्मिक एवं मूल्यवान वस्तुएं पहले ही हटा ली गयी थीं। प्रशासन का कहना है कि पूरी प्रक्रिया सर्वसम्मति से की गई और अब रैपिड और सड़क चौड़ीकरण का काम तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा।इसके अलावा जीडीए ने गोरखपुर के घोष कंपनी चौक पर नगर निगम की जमीन पर बनी मस्जिद को गिराने के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। यह मस्जिद बिना स्वीकृत योजना के बनाई गई थी, इसलिए प्रशासन ने इसे अवैध घोषित कर दिया। तारीख। 15 फरवरी को मुतवल्ली के बेटे शोएब अहमद को नोटिस जारी कर कहा गया कि वह स्वयं निर्माण हटा लें अन्यथा प्रशासन इसे ध्वस्त कर लागत वसूल करेगा।
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31 दुकानें और 12 आवासीय परिसरों को हटाया
इससे पहले नगर निगम ने उसी स्थान से 31 दुकानें और 12 आवासीय परिसरों को हटा दिया था, लेकिन मस्जिद का निर्माण विवादास्पद बना रहा। नगर निगम ने मस्जिद के निर्माण के लिए 60 वर्ग मीटर जमीन की पेशकश की थी। लेकिन निर्माण के दौरान नक्शा स्वीकृत नहीं कराया गया। जिससे यह अवैध हो गया।इस बीच मस्जिद के मुतवल्ली ने जीडीए के आदेश को कमिश्नर कोर्ट में चुनौती दी है, लेकिन प्रशासन का रुख सख्त है। मस्जिद को पहले भी नोटिस भेजे गए थे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अब यदि 15 दिन के भीतर निर्माण नहीं हटाया गया। फिर प्रशासन स्वयं कार्रवाई करेगा। नगर निगम और जीडीए इस आदेश को सख्ती से लागू करने की तैयारी कर रहे हैं।
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