Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने 23 फरवरी को कहा कि पूवर्ती गांव में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव ऐतिहासिक माना जा रहा है, क्योंकि यह गांव आजादी के बाद से अब तक किसी भी चुनाव का हिस्सा नहीं रहा। पूवर्ती और केरलापेंदा सहित 10 गांव में पहली बार बना मतदान केंद्र बने हैं। आज त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का अंतिम चरण है।
पूवर्ती गांव में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होना ऐतिहासिक
23 फरवरी को जगदलपुर में पत्रकाराें बातचीत में उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री शर्मा ने कहा कि पूवर्ती गांव में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होना ऐतिहासिक है, क्योंकि यह गांव अब तक किसी भी चुनाव का हिस्सा नहीं रहा। हिड़मा जैसे कुख्यात नक्सली का घर होने के बावजूद इस गांव के लोग आजादी के बाद पहली बार अपने वोट के अधिकार का पूरे उत्साह से इस्तेमाल कर रहे हैं। पूवर्ती गांव के ग्रामीणों ने इस चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जो न केवल उनके लोकतांत्रिक अधिकार की विजय है, बल्कि यह नक्सलवादके खिलाफ उनके संघर्ष का भी प्रतीक है।
मतदाताओं में दिखा अभूतपूर्व उत्साह
सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित कोंटा ब्लॉक में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदाताओं का अभूतपूर्व उत्साह यह साबित करता है कि अब इन इलाकों में नक्सलवाद का असर कम हो चुका है और लोग अपने भविष्य के लिए संजीदगी से मतदान कर रहे हैं। उन्हाेंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में यहां सुरक्षा बलों और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयासों ने नक्सलियों के प्रभाव को कम किया है, जिससे ग्रामीणों में अब बदलाव की बयार महसूस हो रही है। उन्हाेंने कहा कि इस चुनाव ने यह साफ कर दिया कि जब प्रशासन और स्थानीय नेतृत्व ईमानदारी से काम करते हैं, तो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हो सकती हैं।
पूवर्ती और केरलापेंदा सहित 10 गांव में पहली बार मतदान
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के सबसे कुख्यात नक्सली हिडमा के गांव पूवर्ती और केरलापेंदा सहित 10 गांव में आजादी के बाद पहली बार गांव की सरकार के लिये यहां के ग्रामीणाें ने अपने गांव में मतदान कर आज त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अंतिम चरण में इतिहास रच रहे हैं। पूवर्ती में मतदान का आयोजन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है। सुरक्षा बलों की कड़ी निगरानी के बीच ग्रामीण उत्साह से वोट डाल रहे हैं। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जो इसकी तस्दीक करता है। बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित इलाकाें में चल रहे इस मतदान ने क्षेत्र में शांति और विकास की नई उम्मीद जगाई है। पहली बार इस गांव में मतदान हो रहा है, जहां पहले कभी मतदान केंद्र नहीं बना था। नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के जनपद पंचायत कोंटा अंतर्गत 128 मतदान केंद्र बनाये गए हैं, जिसमें सुरक्षा की दृष्टि से 51 संवेदनशील मतदान केंद्र और 77 अति संवेदनशील मतदान केन्द्र बनाये गए हैं। इनमें 59 मतदान केन्द्रों को स्थानांतरित किया गया है। इसके अलावा महिलाओं के लिए 15 पिंक बूथ भी बनाए गए हैं। कोंटा विकास खंडों में 64 हजार 580 मतदाता पंजीकृत हैं। इनमें पुरुष मतदाता 30 हजार 743 और महिला मतदाता 33 हजार 837 शामिल हैं।
कोंटा विकासखंड के सभी 67 ग्राम पंचायत के 128 मतदान केंद्रों में मतदान
सुकमा जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के तीसरे और अंतिम चरण का मतदान सुबह प्रातः 6:45 बजे से दोपहर 2 बजे तक हुआ। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन में कोंटा विकासखंड के सभी 67 ग्राम पंचायत के 128 मतदान केंद्रों में मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई। बड़ी संख्या में लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करने घरों से निकले। अंतिम चरण में कोंटा ब्लॉक के 04 जिला पंचायत सदस्य, 19 जनपद सदस्य, 59 सरपंच और 352 पंच पदों के लिए मतदान हो रहा है। निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पंच के 840 उम्मीदवार, सरपंच के लिए 198 उम्मीदवार, जनपद सदस्य के लिए 69 उम्मीदवार और जिला पंचायत सदस्य के लिए 15 उम्मीदवार मैदान में हैं। इसमें 8 सरपंच और 570 पंच निर्विरोध निर्वाचित किए गए हैं।