Pakistan: शहबाज शरीफ ने दी चुनौती, “भारत को हराया नहीं तो नाम बदल देना”, सोशल मीडिया में हुई मौज

हालांकि, शहबाज शरीफ की यह टिप्पणी किसी युद्ध को लेकर नहीं थी, बल्कि वह पाकिस्तान की आर्थिक और सामाजिक तरक्की के संदर्भ में बोल रहे थे।

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Pakistan: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) ने शनिवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भारत (India) से पाकिस्तान (Pakistan) की तुलना करते हुए एक विवादित (Economic and social progress) बयान दिया। उन्होंने कहा, “अगर हम भारत को नहीं हराए, तो मेरा नाम बदल देना।” हालांकि, शहबाज शरीफ की यह टिप्पणी किसी युद्ध को लेकर नहीं थी, बल्कि वह पाकिस्तान की आर्थिक और सामाजिक तरक्की के संदर्भ में बोल रहे थे।

शहबाज शरीफ ने डेरा गाजी खान में आयोजित एक रैली में भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, “अगर पाकिस्तान तरक्की में भारत से पीछे रह गया, तो मेरा नाम शहबाज शरीफ नहीं रहेगा।” इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान को एक महान राष्ट्र बनाने की शपथ ली और कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें कर्ज पर निर्भर रहने के बजाय अपनी आर्थिक ताकत पर ध्यान केंद्रित करना होगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार के दौरान मुद्रास्फीति में 40 प्रतिशत की कमी आई है और अब यह घटकर महज 2 प्रतिशत रह गई है।

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सोशल मीडिया पर मिली मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
शहबाज शरीफ के बयान ने सोशल मीडिया पर तूफान मचा दिया है। कई उपयोगकर्ताओं ने उनके बयान को मजेदार बताया, वहीं कुछ ने उन्हें नए नामों के सुझाव भी दिए। पिछले कुछ दिनों में, शहबाज शरीफ ने भारत के साथ शांतिपूर्ण बातचीत का समर्थन किया था। उन्होंने कश्मीर विवाद समेत अन्य मुद्दों को बातचीत के जरिए हल करने की इच्छा जताई थी। यह टिप्पणी उन्होंने मुजफ्फराबाद में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान की थी, जो “कश्मीर एकजुटता दिवस” के अवसर पर आयोजित किया गया था।

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पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पिछले कई सालों से चिंताजनक बनी हुई है। देश को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिले पैकेज पर निर्भर रहना पड़ रहा है। पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमतें 250 रुपये प्रति लीटर से अधिक हैं, और बिजली की दरें 40 रुपये प्रति यूनिट से अधिक हैं, जो आम जनता के लिए कठिनाई पैदा कर रही हैं। इस पूरे परिदृश्य में शहबाज शरीफ का यह बयान पाकिस्तान और भारत दोनों देशों में चर्चा का विषय बन गया है, खासकर आर्थिक चुनौतियों के बीच उनके राष्ट्र निर्माण के दावे को लेकर।

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