Bihar Politics: बिहार (Bihar) में भाजपा (BJP) ने इस वर्ष अक्टूबर महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly elections) के लिए मास्टर स्ट्रोक चल दिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल (Dilip Jaiswal) के’ एक व्यक्ति एक पद’ के सिद्धांत का पालन करते हुए इस्तीफा दिया तो भाजपा के सात मंत्रियों को शपथ दिला दी गई ।
इसे भाजपा की चुनाव जीतने की एक रणनीति बताई जा रही है। बिहार में भाजपा अब बड़े भाई की भूमिका में आ गई और जेडीयू छोटे भाई की भूमिका में है।
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मिथिलांचल पर फोकस
बिहार के मंत्रिमंडल में शामिल हुए सात मंत्रियों में तीन मंत्री मिथिलांचल से हैं। दरभंगा से संजय सरावगी, जाले से जीवेश कुमार, साहिबगंज से राजू कुमार सिंह, रीगा से मोतीलाल प्रसाद, अमनौर से कृष्ण कुमार मंटू और विजय कुमार मंडल शामिल है। तीन पिछड़े ,दो अति पिछड़े और दो वैश्य विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। बिहार मंत्रिमंडल में भाजपा के अब 21 मंत्री हो गए हैं जदयू के 13, हम के एक , निर्दलीय एक मंत्रिमंडल में है।
मिथिलांचल की सांस्कृतिक पहचान
तीन मंत्रियों ने मिथिलांचल की सांस्कृतिक पहचान पाग पहनकर मैथिली में शपथ ली। महाराष्ट्र हरियाणा और दिल्ली की बंपर जीत के बाद भाजपा ने आम बजट के समय ही जीत की प्रस्तावना लिखना शुरू कर दिया था। बजट में मखाना बोर्ड बनाया गया और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते समय भागलपुर में बनी मिथिलांचल साड़ी पहनी।
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नीतीश कुमार की सेहत को लेकर उठ रहे हैं सवाल
बिहार में नीतीश कुमार दो दशक से मुख्यमंत्री के पद पर हैं। नीतीश कुमार बिहार की राजनीति के केंद्र बिंदु है लेकिन इस बार उनकी सेहत को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि नीतीश कुमार भाजपा के स्वाभाविक रूप से सहयोगी है। बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व उनका सम्मान करता है भाजपा ने अपने अधिक विधायक होने के बावजूद नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया। अब नीतीश कुमार भाजपा को सात मंत्री बनाकर साफ कर दिया है भाजपा और नीतीश कुमार विधानसभा का चुनाव मिलकर लड़ेंगे।
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