Sambhal Jama Masjid: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) को संभल (Sambhal) में शाही जामा मस्जिद (Shahi Jama Masjid) का निरीक्षण करने का आदेश दिया है, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि इसे सफेदी और रंगाई की आवश्यकता है या नहीं।
मस्जिद प्रबंधन समिति ने रमजान से पहले मस्जिद के लिए सफेदी और रंगाई के काम को आगे बढ़ाने की अनुमति के लिए एक आवेदन दायर किया था।
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10 बजे तक एक रिपोर्ट प्रस्तुत
न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ ने यह आदेश पारित किया। एएसआई को परिसर और मुख्य संरचना का आकलन करने और 28 फरवरी को सुबह 10 बजे तक एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 3-सदस्यीय टीम भेजने के लिए कहा गया है। एएसआई ने संभावित सुरक्षा खतरों का हवाला देते हुए सर्वेक्षण टीम के लिए सुरक्षा मांगी है।
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सर्वेक्षण की मांग
मस्जिद प्रबंधन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने एएसआई पर मस्जिद के संरक्षण में होने के बावजूद रखरखाव के काम की उपेक्षा करने का आरोप लगाया था। एएसआई ने जवाब दिया कि मस्जिद के अधिकारियों द्वारा उनकी टीम को परिसर के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। नवंबर 2024 में हुई हिंसा और आगजनी के पीछे संभल की जामा मस्जिद मुख्य मुद्दा थी, जहां स्थानीय मुसलमानों की भीड़ ने पुलिस कर्मियों पर हमला किया था और विवादित ढांचे के न्यायालय द्वारा आदेशित सर्वेक्षण को लेकर उत्पात मचाया था। हिंदू यह कहते हुए सर्वेक्षण की मांग कर रहे हैं कि तथाकथित मस्जिद एक प्राचीन हिंदू मंदिर के ऊपर बनाई गई है।
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