Maharashtra: महायुति में संभावित दरार की खबरों पर CM फडणवीस ने क्या कहा? यहां पढ़ें

यह प्रेस कॉन्फ्रेंस कैबिनेट मीटिंग और परंपरागत चाय मीटिंग के बाद हुई जिसका विपक्षी महा विकास अघाड़ी ने बहिष्कार किया।

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Maharashtra: महाराष्ट्र (Maharashtra) के सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन Assembly budgetने राज्य विधानसभा के बजट सत्र (Budget Session of State Assembly) से पहले अंदरखाने में दरार की अटकलों को सिरे से नकार दिया। मीडिया के सामने आते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा, “सत्तारूढ़ सहयोगियों के बीच कोई शीत युद्ध नहीं है। मैं और एकनाथ शिंदे दोनों जानते हैं कि जब हम साथ होते हैं तो क्या करते हैं… हमने विपक्ष का सफलतापूर्वक मुकाबला किया है और विधानसभा में भारी जीत हासिल की है।”

यह प्रेस कॉन्फ्रेंस कैबिनेट मीटिंग और परंपरागत चाय मीटिंग के बाद हुई जिसका विपक्षी महा विकास अघाड़ी ने बहिष्कार किया। उन्होंने कहा, “विपक्ष की स्थिति हमारी तरह नहीं है – हम साथ हैं… विपक्ष में ही तनाव और नाराजगी है।”

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मुख्यमंत्री फडणवीस ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, “आज हमने विपक्ष को ‘चहापन’ (बजट सत्र से पहले नाश्ता बैठक) के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने इसका बहिष्कार किया। उन्होंने एक बैठक की, जिसमें उनके कोई भी बड़े नेता नहीं आए। उन्होंने हमें 9 पन्नों का पत्र दिया है, जिसमें नौ लोगों के नाम हैं, सात लोगों के हस्ताक्षर हैं और उस पत्र में उन्होंने ऐसे मुद्दे उठाए हैं, जो उन्होंने केवल प्रेस से लिए हैं।” पिछले कुछ हफ्तों में सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर दरार की खबरें सुर्खियों में रहीं, जिससे संकेत मिलता है कि एकनाथ शिंदे, जिन्हें देवेंद्र फडणवीस के लिए शीर्ष पद से हटना पड़ा, अभी भी परेशान हैं। अपनी पार्टी के कई नेताओं की सुरक्षा में कटौती और रायगढ़ और नासिक जिलों के लिए ‘संरक्षक मंत्रियों’ की नियुक्ति, जहां अगला कुंभ मेला आयोजित किया जाएगा, ने टकराव को फिर से बढ़ा दिया है।

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शिवसेना के 55 विधायक
एनडीटीवी ने सूत्रों से बताया कि एकनाथ शिंदे के शिवसेना के 55 विधायकों – जिन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त थी – की सुरक्षा कम कर दी गई है। सरकार ने इसे सुरक्षा खतरे के पुनर्मूल्यांकन का नतीजा बताया था, लेकिन जाहिर तौर पर इससे शिवसेना प्रमुख संतुष्ट नहीं हुए। हालांकि सत्तारूढ़ गठबंधन ने बार-बार किसी भी तरह की दरार से इनकार किया है, लेकिन इसने विपक्षी एमवीए खेमे को खुश कर दिया है, जिसे पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था।

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मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा
इसके बाद महायुति में भी कुछ गड़बड़ हुई। मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा में दो सप्ताह से अधिक का समय लग गया, इसके आखिरी दिनों में ऐसी खबरें सामने आईं कि भाजपा को एकनाथ शिंदे को देवेंद्र फडणवीस को अगले मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करने में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जो कि अजीत पवार के भाजपा को समर्थन देने के फैसले के बाद तय था।

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